कुल्लू में मलाणा डैम पर संकट मंडराया, गाद भरने से गेट ब्लॉक

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ओवरफ्लो के कारण टूटने का खतरा; भुंतर तक खाली कराए गए घर

आवाज़ ए हिमाचल 

कुल्लू। हिमाचल प्रदेश में कुल्लू जिले की मणिकर्ण घाटी में लगे मलाणा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट स्टेज-2 पर संकट मंडरा रहा है। डैम के गेट गाद की वजह से ब्लॉक हो गए हैं, जिससे डैम का पानी ओवरफ्लो हो रहा है और सारा पानी अब डैम के ऊपर से बह रहा है। बांध के ऊपर से पानी बहने की वजह से इसके टूटने का खतरा पैदा हो गया है। बांध के किनारे को तोड़कर पानी निकाला जा रहा है। किनारों से निकल रहे पानी से ही इसके टूटने का खतरा बढ़ गया है, क्योंकि बांध के किनारे कच्ची मिट्टी है। कुल्लू जिला प्रशासन ने डैम फटने की संभावना को देखते हुए रिहायशी क्षेत्रों को अलर्ट जारी किया है और खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने डैम से निचले क्षेत्रों में भुंतर तक नदी के किनारे रह रहे रिहायशी क्षेत्रों को खाली करवा लिया है, ताकि जानी नुकसान को टाला जा सके। DC कुल्लू आशुतोष गर्ग ने बताया कि मलाणा हाइड्रो पावर स्टेज-2 डैम के गेट ब्लॉक होने से पानी ओवरफ्लो हुआ है। उन्होंने कहा कि कंपनी प्रबंधन से बात हुई है। गेट ब्लॉक होने की वजह से वह उसे ऑपरेट नहीं कर पा रहे हैं। मलाणा नदी का पानी भुंतर में आकर बयास में मिलेगा। ऐसे में यदि डैम टूटता है तो इससे ब्यास नदी का भी जल स्तर बढ़ेगा। हालांकि डैम में पानी की मात्रा 30 क्यूसेक है। ऐसे में घबराने की बात नहीं है। पावर प्रोजेक्ट अथॉरिटी को जल्द गेट ऑपरेट करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी तरह का जान माल का नुकसान न हो।

मलाणा-2 डैम ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। इस कारण मलाणा नाले पर लोगों के कई घर और जमीनें हैं। चौकी गांव के समीप खड्ड किनारे मलाणा के लोगों की सैकड़ों बीघा उपजाऊ भूमि है। जरी से लेकर भुंतर बजौरा और पंडोह डैम तक ब्यास नदी के किनारे सैकड़ों रिहायशी इलाके हैं। ऐसे में अलर्ट जारी कर दिया गया है।

 

 

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