आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वित्तीय सलाहकार रवनीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में आपदा से हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए आए आठ सदस्यीय केंद्रीय दल के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय दल को अवगत करवाया कि प्रदेश में भारी बारिश, भू-स्खलन और बाढ़ के कारण भारी नुकसान हुआ है, जिसे देखते हुए केंद्र सरकार को हिमाचल की उदारता से मदद करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार को वर्ष 2013 में केदारनाथ में आई आपदा के दौरान मिली सहायता की तर्ज पर हिमाचल को भी केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के आपदा से संबंधित वर्तमान दिशा-निर्देशों में बहुत कम आर्थिक सहायता का प्रावधान है। प्रदेश की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और निर्माण इत्यादि की अधिक लागत को देखते केंद्र सरकार को हिमाचल सहित अन्य पहाड़ी राज्यों को अलग पैटर्न पर आर्थिक सहायता प्रदान करनी चाहिए।सीएम सुक्खू ने कहा कि भारी बारिश और बाढ़ के कारण प्रदेश में बिजली, पानी और सडक़ परियोजनाओं को बड़े पैमाने पर क्षति पहुंची है, जिसे स्थायी रूप से बहाल करने में काफी वक्त लगेगा और विशेष आर्थिक सहायता की भी आवश्यकता होगी। ऐसे में इस त्रासदी से उबरने के लिए प्रदेश को वित्तीय मदद के लिए केंद्र सरकार को आगे आना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अंतरिम राहत के लिए केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा है और मानसून के बाद इस बारे में संशोधित ज्ञापन दिया जाएगा। बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, वित्त सचिव अक्षय सूद, विशेष सचिव राजस्व डीसी राणा, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। इसके बाद केंद्रीय दल के साथ मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने हिमाचल सरकार के अफसरों के साथ होटल पीटरहॉफ में अलग बैठक की। यह दल हिमाचल में हुई तबाही को ग्राउंड जीरो पर देखने के बाद शुक्रवार शाम को ही शिमला पहुंचा था।