आवाज़ ए हिमाचल
शिलाई। दो राज्यों की सरहद पर टौंस नदी पर उपमंडल शिलाई के मोहराड़ गांव के समीप प्रस्तावित बहु-उद्देश्यीय किशाऊ बांध परियोजना के निर्माण हेतु अब उत्तराखंड और हिमाचल सरकार साथ मिलकर अपना पक्ष केंद्र के समक्ष रखेंगे। इसके लिए जल्द ही हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी संयुक्त बैठक करेंगे। इसके बाद दोनों राज्य मिलकर केंद्र से खर्च की हिस्सेदारी घटाने की मांग करेंगे। किशाऊ बांध परियोजना पर लगभग 15 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस परियोजना का लाभ उत्तराखंड और हिमाचल के अलावा दिल्ली, यूपी, राजस्थान और हरियाणा को भी मिलेगा। टिहरी के बाद एशिया के दूसरे सबसे ऊंचे बांध किशाऊ परियोजना के लिए उत्तराखंड और हिमाचल अब मिलकर केंद्र के सामने मजबूती से अपना पक्ष रखेंगे। इस परियोजना पर लगभग 15 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। परियोजना का लाभ उत्तराखंड, हिमाचल के अतिरिक्त दिल्ली, यूपी, राजस्थान और हरियाणा राज्यों को भी मिलेगा।हिमाचल और उत्तराखंड जैसे छोटे राज्यों की हिस्सेदारी का खर्च उनकी अर्थव्यवस्था के हिसाब से काफी ज्यादा है। ऐसे में अब दोनों राज्य मिलकर चलेंगे।
इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि इस परियोजना से बाकी चार राज्यों को सिंचाई और पेयजल संबंधी लाभ दोनों राज्यों की तुलना में ज्यादा मिलेगा। दोनों राज्यों की सहमति के बाद समझौते से बात आगे बढ़ेगी। किशाऊ बांध परियोजना को वर्ष 2008 में सरकार द्वारा राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया था। हाल ही में परियोजना का हाइड्रो लॉजिकल डेटा सर्वेक्षण, अतिरिक्त सर्वेक्षण, विस्तृत भू-तकनीकी जांच, नवीनतम भूकंपीय पैरामीटर अध्ययन संशोधित संरचना के अनुसार डाटा तैयार किया है।