आवाज़ ए हिमाचल
हैदराबाद। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्टेशन में चंद्रयान-3 की लांचिंग के लिए साढ़े 25 घंटे का काउंटडाउन गुरुवार को दोपहर एक बजकर पांच मिनट पर शुरू हो गया। लॉन्चिंग शुक्रवार दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर सतीश धवन स्पेस सेंटर से होगी। चंद्रयान-3 को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए अपग्रेडेड बाहुबली रॉकेट यानी लांच व्हीकल मार्क-3 (एमवी-3) तैयार है। एमवी-3 का लांचिंग सक्सेस रेट 100 फीसदी है। इसरो ने एक ट्वीट में कहा कि 642 टन भार के साथ 43.5 मीटर लंबा वाहन वाहक शुक्रवार को दोपहर दो बजकर 35 मिनट पर उड़ान भरेगा। चंद्रयान-3 को उड़ान भरने के लगभग 16 मिनट बाद 179 किलोमीटर की जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) में स्थापित किया जाएगा, जहां से यह चंद्र की सतह पर सुरक्षित लैंङ्क्षडग और घूमने के लिए अपनी लंबी यात्रा शुरू करेगा। 3.5 लाख किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा के बाद अगस्त के आखिरी हफ्ते में सॉफ्ट लैंडिंग होने की उम्मीद है। इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ के अनुसार चंद्रमा पर सूर्योदय होने पर तिथि (उतरने की तिथि) तय की जाती है। जब हम उतर रहे हों, तो सूर्य की रोशनी अवश्य होनी चाहिए। इसलिए लैंडिंग 23 या 24 अगस्त को होगी। उन्होंने कहा कि यदि 23 या 24 अगस्त को योजना के अनुसार चंद्रयान की लैंडिंग नहीं होती है, तो इसरो सितंबर में लैंडिंग का प्रयास करने के लिए एक और महीने तक इंतजार करेगा। लैंडर और रोवर सूर्य की रोशनी आने तक 14 दिनों तक चंद्रमा पर रहेंगे। जब सूर्य का प्रकाश नहीं होगा, तो रोवर पर लगा एक छोटा सौर पैनल बिजली उत्पन्न करेगा और रोशनी आने तक अगले 14 दिनों के लिए बैटरी को चार्ज करेगा।
मिशन की सफलता के लिए इसरो के वैज्ञानिक गुरुवार को तिरुपति वेंकटचलापति मंदिर पहुंचे। पूजा के लिए वैज्ञानिक चंद्रयान-3 का मिनिएचर मॉडल भी अपने साथ ले गए थे। चांद पर सफल लैंडिंग के साथ ही भारत चंद्रमा पर राष्ट्रध्वज पहुंचाने वाला चौथा देश बन जाएगा। इसके साथ ही भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव के करीब पहुंचने वाला पहला देश भी होगा।