स्कूल बिल्डिंग को भी बना हुआ है खतरा
आवाज ए हिमाचल
यशपाल ठाकुर, परवाणु। परवाणु मे बीते दिन बरसात से सेक्टर पांच अम्बोटा के सुखना नाले मे आये सैलाब के कारण अम्बोटा स्थित सरकारी स्कूल का एक मात्र ग्राउंड बेह कर चला गया। इस दौरान यदि और बारिश होती है तो अम्बोटा स्थित सरकारी स्कूल के भवन को भी अब बड़ा खतरा बना हुआ है। इस दौरान गनीमत रही की स्कूल मे छुटियां चल रही थी और स्कूल मे कोई नहीं था अन्यथा कोई बड़ा हादसा हो जाता। स्कूल प्रशासन ने सरकार व विभाग से मदद की गुहार लगाई है। वहीं अम्बोटा सरकारी स्कूल को लेकर मनोनीत नप पार्षद कांता कपूर ने कहा की जब तक स्कूल में हुए नुकसान को ठीक नहीं किया जाता तब तक शिक्षक व बच्चे उनके पास पड़े भवन में क्लासिस लगा सकते हैं। उधर टिटीआर व चक्कीमोड का रोड़ ठीक होने के बाद मंगलवार को बरसात के कारण हुए नुकसान का जायाज़ा लेने परवाणु पहुंचे कसौली के युवा विधायक विनोद सुल्तानपुरी ने परवाणु में हुए सभी नुक्सान का जायज़ा लिया और कहा की उनकी ओर से तथा सरकार व प्रशासन की और से जो भी आवश्यक सहायता होगी वह की जाएगी। इस दौरान विधायक विनोद सुल्तानपुरी ने अम्बोटा स्कूल के ग्राउंड व डंगे को पहुंची क्षति को लेकर मौक़े पर मौजूद नप कार्यकारी अधिकारी को जल्द ठीक किये जाने के आदेश दिए।
गौरतलब है की अभी कुछ माह पहले कसौली के विधायक विनोद सुल्तानपुरी अम्बोटा स्थित सरकारी स्कूल मे पहुंचे थे जहाँ विधायक ने स्थानीय प्रशासन को स्कूल के साथ लगते नाले मे जल्द से जल्द डंगा लगाए जाने के आदेश दिए थे। तो वहीं नगर परिषद द्वारा अगले रोज़ इस डंगे को बनाने के लिए तुरंत 7.28 लाख का टेंडर भी लगा दिया था। परन्तु अभी टेंडर अलॉट ना होने के चलते स्कूल के साथ डंगा लगाने का कार्य शुरू नहीं हो पाया।
उधर नगर परिषद कार्यकारी अधिकारी अनुभव शर्मा ने बताया की जिस दिन विधायक महोदय ने स्कूल के साथ डंगा लगाए जाने के आदेश दिए थे उसी के अगले दिन हमारे द्वारा 7.28 लाख का टेंडर लगाने का कार्य कर दिया गया था। उन्होंने बताया की दो बार टेंडर की प्रक्रिया की जा चुकी है जिसमें पहली बार केवल एक ठेकेदार द्वारा भरा गया व दूसरी बार किसी ने नहीं भरा। अनुभव शर्मा ने बताया की हमारे द्वारा तीसरी बार टेंडर प्रक्रिया कर दी गई है। अनुभव शर्मा ने कहा की विधायक विनोद सुल्तानपूरी ने हमें हर संभव सहायता किये जाने का विश्वास दिलाया। उन्होंने कहा की अब जो भी कार्य होंगे वो एमरजेंसी के आधार पर करने पड़ेंगे ताकि कोई बड़ा नुकसान ना हो पाए।