आवाज़ ए हिमाचल
पंडोह। आपदा की मार झेल रहे पंडोह बाढ़ प्रभावितों का गुस्सा मंगलवार को फूट पड़ा। 48 घंटे बाद जैसे ही डीसी मंडी बाढ़ पीडि़तों के बीच पहुंचे, तो लोग अपना गुस्सा और रोष छिपा नहीं सके और लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी। बाढ़ पीडि़तों ने सडक़ पर एक बैठकर प्रशासन और बीबीएमबी के खिलाफ नारेबाजी की। 106 पीडि़त परिवारों ने उपायुक्त के सामने डीसी गो बैक के नारे लगाए। पीडि़तों का कहना था कि भारी बाढ़ से उनके आशियाने व ज़रूरी सामान व्यास नदी में बह गए। उनकी जीवनभर की पूंजी मात्र 10 मिनट में बीबीएमबी द्वारा एकाएक भारी मात्रा में छोड़े डैम के पानी में समा गई और दो दिनों से जिला प्रशासन की ओर से कोई भी दुख बांटने और सहायता करने के लिए नहीं आया। दो दिनों से पीडि़त भूखे-प्यासे रेत के बड़े बड़े ढेर में अपने समान को ढूंढते हुई रो रहे हैं। बिजली-पानी यहां तक कई परिवार खाने तक के लिए तरस गए। पीडि़तों का आरोप है कि बीबीएमबी ने उन्हें इतना अधिक पानी छोडऩे के लिए सचेत नहीं किया।
चंद मिनटों में हमारा कारोबार, घर-दुकानें पानी में समा गए। नुकसान के लिए केवल बीबीएमबी ही जिम्मेदार है। सारा हर्जाना बीबीएमबी से ही लिया जाए । इनका कहना है कि पंडोह में करोड़ों का नुकसान है। हमें फोरी राहत में खाना-कपड़े उपलब्ध करवाएं। रेत के पहाड़ को हटाया जाए। हमारे माल की सुरक्षा के लिए पुलिस लगाई जाए और जिन पांच लोगों के घर बह गए हैं, उन्हें रहने की व्यवस्था की जाए। डीसी मंडी ने बाढ़ पीडि़तों के साथ पूरा मंजर देखा और सहायता का आश्वासन दिया। बाढ़ पीडि़तों को शांत करते हुए डीसी मंडी अरिंदम चौधरी ने कहा कि अगर बीबीएमबी और लारजी बांध प्रबंधन ने हाई कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया होगा, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके बाद प्रभावितों को पांच लाख रुपए की राशि भी फौरी सहायता के रूप में बांटी गई। प्रभावितों के राशन व अन्य सामान की व्यवस्था के आदेश भी दिए। पंडोह में लोगों के टेंकरों के माध्यम से पेयजल भेजा गया।