आवाज़ ए हिमाचल
नई दिल्ली। यह आज का भारत है…तेजी से बदलती भारतीय अर्थव्यस्था नित नए दिन नए आयाम छू रही है। इकोनॉकि मामले में देश लगातार तरक्की कर रहा है। यही वजह है कि उसने चीन, अमरीका, ब्रिटेन सहित सिंगापुर को भी पछाड़ कर रख दिया है। यूनएसीटीएडीएस द्वारा जारी वल्र्ड इनवेस्टमेंट रिपोर्ट-2023 के मुताबिक भारत में एफडीआई यानी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 10 फीसदी का इजाफा हुआ है, जो कि चीन और सिंगापुर से ज्यादा है। चीन में एफडीआई में पांच और सिंगापुर में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश दस प्रतिशत तक बढ़ा है, जो कि अब 49 अरब डॉलर हो गया है। यह आंकड़े वर्ष 2022 के हैं, जबकि चीन, अमरीका, ब्रिटेन और सिंगापुर इस मामले में भारत से पीछे हैं।
विदेश निवेश का बढऩा भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सुखद संदेश है। एफडीआई के बढऩे का सबसे बड़ा कारण भारत का तेजी से विकसित होना है। विदेशी निवेश के जरिए भारत वैश्विक परियोजनाओं की घोषणा करने वाला तीसरा देश बन गया है। वल्र्ड इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट के मुताबिक कोविड काल के बाद भारत में 2021 में विदेश निवेश में इजाफा होने लगा और 2022 में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 10 फीसदी की वृद्धि हो गई। हालांकि यूएई यानी संयुक्त अरब अमिरात में भी दस फीसदी की वृद्धि हुई है, लेकिन चीन, सिंगापुर सहित अन्य देश इस मामले में भारत से पीछे हैं।