आवाज ए हिमाचल
आनी। सांस थमती गई, नब्ज जमती गई, फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया… कट गए सिर हमारे तो कुछ गम नहीं, सिर हिमालय का हमने न झुकने दिया…। देशभक्ति के गाने की इन पंक्तियों को सार्थक कर गए थे आनी विधानसभा क्षेत्र के निथर के शकरोली निवासी एकमात्र कारगिल शहीद डोला राम। शहीद डोला राम की शहादत को याद करते हुए आज 3 जुलाई को हर वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी एक समारोह का आयोजन किया गया और कारगिल युद्ध के हीरो को नमन किया गया।आनी खंड की नित्थर तहसील के शकरोली के जांबाज कारगिल शहीद बॉक्सर डोला राम ने 5400 मीटर की ऊंचाई पर खून जमा देने वाली ठंड में 17 पाकिस्तानी घुसपैठियों को बंकर में घुसकर निहत्थे मारा था। 1999 में कारगिल होकर भारत में घुसपैठ कर रहे पाकिस्तानियों के मंसूबों को पस्त करने में चलाए गए ऑपरेशन विजय में शहीद डोला राम की अहम भूमिका रही है, जिन्होंने 1999 में ऑपरेशन विजय में अपने साथियों के साथ सियाचिन गलेशियर के टॉप पर बंकर में छिपे 17 आतंकियों को बिना हथियार के ही मार गिराया था।
देश की रक्षा में डोला राम ने अपने प्राणों की आहूति दे डाली, लेकिन भारत मां का सिर झूकने नहीं दिया था। उनकी इस शहादत पर उनके परिवार, आनी क्षेत्र, प्रदेश और पूरे देश को हमेशा नाज रहेगा।