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बबलू सूर्यवंशी, शाहपुर। विधानसभा हलका शाहपुर से विधायक केवल सिंह पठानिया से कांग्रेस कार्यालय रैत में शिष्टाचार भेंट करने आई अंजली शर्मा और उनकी माता पुष्पा देवी को पठानिया ने शाल व टोपी पहनाकर सम्मानित किया। पठानिया ने कहा कि अंजली शर्मा, जोकि दक्षिण अफ्रीका की 5895 मीटर ऊंची माउंट किलमंजारो चोटी फतह हासिल कर और उस चोटी पर गद्दी जनजातीय परिधान लुआंचडी पहनकर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड का ख़िताब जीत कर देश सहित आपने समस्त समुदाय को गौरवान्वित किया, आपके इस हौंसले, साहस और अपनी संस्कृति के प्रति प्रेम के लिए पूरा समाज सैल्यूट करता है।
अंजलि शर्मा ने 31 मार्च 2023 को इस सबसे मुश्किल और दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी को फतह करके रिकॉर्ड अपने नाम किया था। इन्होंने 14 साल की उम्र से पहाड़ों पर चढ़ाई करना शुरू कर दिया था।
अंजली शर्मा के जीवन में चाहे छोटी सी उम्र में पिता का हाथ छूट गया हो, लेकिन इन्होंने पहाड़ जैसे हाँसलो के दम पर बड़े-बड़े पहाड़ों की चोटियां फतेह करने का मुकाम अपने नाम करने का सिलसिला जारी रखा है। शुरुआती की पढ़ाई गर्ल्स स्कूल धर्मशाला और ग्रेजुएशन इग्नू से और पीजी की पढ़ाई भी उत्तीर्ण की है। बेसिक और एडवांस कोर्स मनाली से किया है। वर्ष 2017 में धौलाधार की सबसे ऊंची चोटी हनुमान टिब्बा की चढ़ाई चढ़ी, 2018 में बतौर लीडर पीर पंजाल की ऊंची चोटी फ्रेंडशिप पीक की चढ़ाई की। इसे इन्होंने लगातार 5 बार फतेह किया है। बेटी अंजलि शर्मा ने हिमाचल का नाम विश्व पटल पर चमकाया है। अंजली शर्मा की इस उपलब्धि पर देश भर में उनकी तारीफ हुई।
अंजली शर्मा का यह कदम युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है। पहाड़ की खूबसूरती भी पहाड़ होती है और पहाड़ की समस्याएं भी पहाड़ होती है। पहाड़ जैसी समस्याओं को पार पाने के लिए पहाड़ के लोगों का जज्बा भी पहाड़ जैसा होता है। ऐसा इन्होंने कर दिखाया है। अंजली पहली ऐसी महिला बनी है, जिसने लुआंचडी पहनकर चोटी पर चढ़ाई की है। गद्दी एजुकेशन मिशन सपोर्ट परिवार ने अंजली शर्मा का सहयोग किया है।
विधायक केवल सिंह पठानिया ने उनके भविष्य के लिए डायरेक्टर स्पोर्ट्स को तुरंत फोन करके कहा कि स्पोर्ट्स कोटे में मदद करने को कहा।पठानिया ने कहा कि वर्ड रिकॉर्ड होल्डर अंजली शर्मा की बात मुख्यमंत्री ठाकुर सिंह सुक्खू के समक्ष रखेंगे, ताकि अंजली शर्मा को स्पोर्ट्स कोटे से नोकरी मिल सके। अंजली शर्मा सही मायने में विधानसभा क्षेत्र के धारकंडी की भेलड पंचायत दुल्ली गाँव की रहने वाली है। आज वे धर्मशाला के गमरु गांव में बस गए हैं।