ट्रेन में सामान की रक्षा खुद नहीं कर पाते, तो रेलवे जिम्मेदार नहीं: सुप्रीम कोर्ट

Spread the love

आवाज़ ए हिमाचल

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रेनों में चोरी को लेकर बेहद अहम टिप्पणी की। शीर्ष अदालत ने माना कि एक यात्री के निजी सामान की चोरी का मतलब यह नहीं है कि रेलवे की सेवा में कोई कमी है। न्यायमूर्ति विक्रम और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ ने उपभोक्ता फोरम द्वारा पारित एक आदेश को रद्द करते हुए रेलवे को बड़ी राहत दी। कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के उस आदेश को निरस्त करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें रेलवे को एक व्यवसायी को एक लाख का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि यात्रा के दौरान किसी के सामान की चोरी होना रेलवे की सेवा में कमी नहीं कहा जा सकता और अगर यात्री सामान की रक्षा खुद नहीं कर पाता है तो इसके लिए सार्वजनिक ट्रांसपोर्टर को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *