आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल में प्री नर्सरी कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने के लिए भर्ती किए जा रहे प्री नर्सरी टीचर्स का मामला अब कैबिनेट में ही तय होगा। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन से आई मान्यता प्राप्त संस्थानों की लिस्ट के बाद राज्य सरकार को इस दिशा में बढऩा पड़ा है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर नहीं एनसीटीई से यह पूछने को कहा था कि कितने संस्थान मान्यता प्राप्त हैं, जहां से हिमाचल में महिलाओं ने यह डिप्लोमा किया हुआ है। दिल्ली से आई लिस्ट में हिमाचल का एक भी संस्थान मान्यता प्राप्त नहीं मिला है। जिन राज्यों में मान्यता प्राप्त संस्थान थे, उनमें उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और केरल इत्यादि के नाम हैं। राजस्थान के जयपुर में बहुत से संस्थान मान्यता प्राप्त थे। ऐसे में हिमाचल से संबंध रखने वाली कुछ महिलाओं ने उत्तराखंड के कुछ संस्थानों से ये कोर्स किए हैं, लेकिन हिमाचल में कुछ वर्ष पहले से एनटीटी करवा रहे संस्थान मान्यता प्राप्त नहीं मिले हैं।
ऐसे में इनके डिप्लोमा को इस भर्ती में नहीं लिया जा सकेगा। मंगलवार को शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने विभाग की समीक्षा बैठक सचिवालय में ली थी। इसमें प्रारंभिक शिक्षा विभाग को बताया गया कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए एनटीटी भर्ती की पॉलिसी क्या हो? इस बारे में आगामी सोमवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में मामला लाया जाए। प्रारंभिक शिक्षा विभाग को सभी तरह के विकल्प कैबिनेट के सामने रखने को कहा है। इसके बाद प्रारंभिक शिक्षा विभाग आंगनवाड़ी वर्कर और डिप्लोमा इन अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन यानी डीईसीई पर भी विचार कर रहा है। इसे देखते हुए अब अंतिम फैसला कैबिनेट में ही होगा। गौरतलब है कि समग्र शिक्षा के तहत राज्य सरकार प्री नर्सरी के लिए 4500 शिक्षक नियुक्त कर सकती है, लेकिन पहले पॉलिसी फाइनल करनी होगी।