आवाज़ ए हिमाचल
स्टॉकहोम। दुनिया के ताकतवर मुल्कों के परमाणु हथियारों पर नजर रखने वाली संस्था दि स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीच्यूट (सिप्री) ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि भारत की तुलना में चीन और पाकिस्तान तेजी से अपने परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ा रहे हैं। पिछले एक साल में यानी कि 2022 से 23 के बीच इन दोनों देशों ने भारत से ज्यादा परमाणु हथियार अपने जखीरे में जमा कर लिए। पाई-पाई डॉलर के लिए जूझ रहे पाकिस्तान से जुड़ी यह खबर निश्चित रूप से चौंकाने वाली है। सिप्री ने कहा है कि 2022 में पाकिस्तान के पास कुल 165 परमाणु हथियार थे। 2023 में पाकिस्तान ने इसे बढ़ाकर 170 कर लिया है। यानी कि एक साल में पाकिस्तान ने पांच नए परमाणु हथियार बना लिए हैं। इसी तरह चीन ने भी अपने परमाणु हथियारों की संख्या में 60 का इजाफा किया है और अब उसके पास 350 की जगह 410 परमाणु हथियार हैं। अगर भारत की बात करें, तो सिप्री का दावा है कि 2022 में भारत के पास 160 न्यूक्लियर वेपन थे।
एक साल में भारत ने अपने परमाणु हथियारों की संख्या में चार का इजाफा किया और अब भारत के न्यूक्लियर पोटली में 164 परमाणिक अस्त्र-शस्त्र हैं। सिप्री के निदेशक डैन स्मिथ ने कहा कि एक साल पहले की तुलना में प्रमुख शक्तियों के सैन्य शस्त्रागार में अब 86 अधिक परमाणु हथियार हैं और दुनिया में इनकी कुल संख्या 12,512 तक पहुंच गई है। सिप्री के अनुसार, नौ परमाणु शक्तियों ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, भारत, इजरायल, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, रूस और संयुक्त राज्य अमरीका में परमाणु हथियारों की कुल संख्या 2023 की शुरुआत में घट गई थी, लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद परमाणु हथियारों की संख्या बढऩे लगी और यह पिछले साल की तुलना में अब 86 अधिक हो गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने अपने परमाणु हथियारों के बेड़े में सबसे ज्यादा वृद्धि की है। इसके भंडार में 350 हथियार थे, जो अब 410 की संख्या पर पहुंच गए। वहीं भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया ने भी अपने हथियारों के भंडार में वृद्धि की है। रूस की संख्या 4,477 से बढक़र 4,489 हो गई, जबकि शेष परमाणु शक्तियों ने अपने शस्त्रागार की संख्या को बरकरार रखा। रूस और संयुक्त राज्य अमरीका के पास अब भी सभी परमाणु हथियारों का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा है।