आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। अगर अगर आप हरिद्वार में पतंजलि योग पीठ में रहकर अपना इलाज करवाने और योग सीखने की प्लानिंग कर रहे हैं और इसके लिए ऑनलाइन कॉटेज बुक करने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो सतर्क हो जाएं। दरअसल तरह-तरह के साइबर क्रिमिनल सक्रिय हो गए हैं, जो आपको पलक झपकते ही थोड़ी सी लापरवाही बरतने पर चूना लगाने को तैयार हैं। साइबर ठग पतंजलि योगपीठ में कॉटेज बुक कराने के नाम पर लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं। साइबर ठग लगातार पैसे उगाही को लेकर नई-नई तरकीब निकाल रहे हैं। इनसे बचने के लिए साइबर सेल ने एडवाइजरी जारी की है। शातिर अकाउंट में पैसे ट्रांसफर होते ही कॉटेज बुक करवाने वालों के नंबर ब्लॉक कर देते हैं। पतंजलि योग ग्राम में इलाज के नाम पर पतंजलि योग ग्राम में इलाज व बुकिंग के नाम पर कुछ वेबसाइट्स के जरिए यह फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। इन फर्जी वेबसाइट व ईमेल के माध्यम से योग गुरु रामदेव व आचार्य बालकृष्ण के फोटो का प्रयोग करके फर्जी विज्ञापन भी दिए जा रहे हैं। इन वेबसाइटों से योग ग्राम में इलाज व कमरा बुकिंग के नाम पर पैसों की मांग की जाती है और पतंजलि योग ग्राम के नाम पर बने फर्जी खाते में पैसे डलवाए जाते हैं। इन वेबसाइट पर योग ग्राम में स्वास्थ्य लाभ कामना के इच्छुक व्यक्तियों को झूठा प्रलोभन देकर व उनसे एडवांस रकम लेकर लोगों को ठग रहे हैं। उधर, एएसपी साइबर क्राइम भूपेंद्र सिंह नेगी का कहना है कि आजकल साइबर ठग पतंजलि योग पीठ की फर्जी बेवसाइट बनाकर ऑनलाइन कॉटेज बुक कराने के नाम पर ठग रहे हैं।
उन्होंने बताया कि शातिर इन वेबसाइटों से योग ग्राम में इलाज व कमरा बुकिंग के नाम पर पैसों की मांग की जाती है व पतंजलि योग ग्राम के नाम पर बने फर्जी खाते में पैसे डलवाए जाते हैं। इन वेबसाइट पर योग ग्राम में स्वास्थ्य लाभ कामना के इच्छुक व्यक्तियों को झूठा प्रलोभन देकर एवं उनसे एडवांस रकम लेकर ठग रहे हैं। एएसपी भूपेंद्र सिंह नेगी ने लोगों से अपील की है कि सभी अंजान व्यक्ति की फोन कॉल या फिर मैसेज पर अपनी निजी जानकारी साझा न करें। उन्होंने कहा कि किसी भी संदिग्ध लिंक या संदिग्ध ईमेल और अटैचमेंट पर क्लिक न करें। इसके अलावा लिंक पर क्लिक करने से पहले यूआरएल को चैक करें या सीधे वेबसाइट पर जाएं। मोबाइल डिवाइस को नियमित रूप से रिस्टार्ट करें, जो मैलवेयर को नुकसान पहुंचाने या हटाने में मदद कर सकते हैं। पासवर्ड से अपने डिवाइस को सुरक्षित रखें। जब भी संभव हो, अपने डिवाइस का फिजिकल कंट्रोल बनाए रखें।