नूरपुर में मॉक ड्रिल, अस्पताल में आग लगते ही बचाव कार्यों में जुटी आपदा प्रबंधन की टीम

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आवाज ए हिमाचल

स्वर्ण राणा, नूरपुर। आपदा प्रबंधन पर प्रदेश भर में करवाई गई मेगा माॅक ड्रिल के तहत कांगड़ा जिला के नूरपुर में भी आग से बचाव व राहत कार्यों का अभ्यास किया गया। फायर माॅक ड्रिल के दौरान स्थानीय अस्पताल में आग लगने की सूचना मिलने पर बचाव व राहत कार्यों को अंजाम दिया गया। जैसे ही आग लगने की सूचना प्राप्त हुई वैसे ही पुलिस, होमगार्ड, अग्निशमन सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों- कर्मचारियों की टीमें घटनास्थल के लिए रवाना हुईं।

सुबह करीब दस बजे जैसे ही आग लगने की सूचना मिली, कुछ ही मिनटों में आपदा प्रबंधन की सभी टीमें घटनास्थल पर पहुंच कर राहत व बचाव कार्य में जुट गईं तथा कुछ ही समय में आग पर काबू पा कर राहत व बचाव कार्य को अंजाम दिया गया।

इसके बाद दमकल विभाग के कंपनी कमांडर दिलेर पठानिया व उनकी टीम द्वारा आग से सुरक्षा के प्रति जागरूक भी किया गया। उनके द्वारा एलपीजी सिलेंडर में आग लगने पर कपड़ा काे पानी से गिला कर उससे सिलेंडर की आग बुझाने का तरीका बताया गया। इसके साथ ही बिजली से लगी आग को बुझाने के लिए फायर एक्सटिंग्विशर का प्रयोग करने बारे बताया गया।

फायर मॉक ड्रिल का मकसद आगजनी से निपटने की तैयारी का आकलन करना : गुरसिमर सिंह

एसडीएम गुरसिमर ने बताया कि इस फायर मॉक ड्रिल के दौरान बचाव और राहत कार्यों का अभ्यास किया गया। अस्पताल के वार्ड न. 208 में आग लगने पर इस पर काबू पाने के बाद प्रभावित लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। जो लोग घायल हुए उन्हें अस्पताल में उपचार दिया गया। जबकि गंभीर घायलों को दूसरे अस्पतालों के लिये एम्बुलेंस के जरिए ले जाया गया। उन्होंनेे कहा कि इस फायर मॉक ड्रिल का मकसद सभी विभागों द्वारा आगजनी पर काबू पाने के लिए की गई तैयारियों का आंकलन करना है। उन्होंने सभी टीमों द्वारा उचित समय पर प्रतिक्रिया करने पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस दौरान जो कमियां उजागर हुई हैं, उन्हें आगे होने वाली मॉक ड्रिल में दुरूस्त किया जाएगा। एसडीएम ने बताया कि किसी भी आपदा के दौरान लोगों को अफरा-तफरी न मचा कर संयम से काम लेते हुए बचाव की समस्त प्रक्रियाओं को अपनाना चाहिए।

 

 

 

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