आवाज ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर। बिलासपुर में बेसहारा पशुओं के बढ़ रहे आतंक से निजात दिलाने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली हैं। उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक ने जन शिकायतों के मद्देनजर विभाग को आदेश दिए हैं कि ऐसे पशुओं को पकड़कर गऊशाला में भेजें। इसी कड़ी के तहत बीती रोज पशुपालन विभाग बिलासपुर की टीम ने एक ऐसे बैल को पकड़ा है जो हिंसक हो गया था। इस बैल की बहुत शिकायतें आ रही थी। रास्ते के किनारे खड़े वाहनों को गिरा देना, राह चलते लोगों पर पीछे से हमला कर उन्हें घायल कर देने की घटनाओं में संलिप्त इस बैल को पशु पालन विभाग की डा. आभा के नेतृत्व में रौड़ा सेक्टर में पकड़ा गया। विभागीय दल ने इस बैल को काबू करने में बहुत मेहनत की। बैल के नाक में नुकेल डाल दी गई है तथा मौके पर नसबंदी भी कर दी गई। इसके बाद बैल को महर्षि वेद व्यास गऊशाला में रख दिया गया है।
वही गऊशाला के संचालक अशोक कुमार ने बताया कि आम जनता के लिए यह बैल निरंतर घातक साबित हो रहा था। किंतु विभागीय टीम ने इस बैल को न सिर्फ काबू किया बल्कि नुकेल डालकर इसे गऊशाला में पहुंचा दिया है। अब बैल शांत है। इस प्रकार के बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए प्रशासन ने आदेश दिए हैं कि इन पशुओं को पकड़कर साथ लगते गऊशाला या गऊसदन में भेजा जाए। उल्लेखनीय है कि पशु पालन विभाग की ओर से अब तक बिलासपुर शहर और साथ लगते गांवों से करीब साठ पशुओं को रैस्क्यू किया जा चुका है लेकिन गऊशालाओं में स्थान न होने के कारण अब इन्हें रखने में भी दिक्कत पेश आ रही है। फिर भी पशु पालन विभाग की टीम अपना कार्य शिद्दत से कर रही है।
इस बैल को काबू करने में डा. आभा कौशल, फार्मासिस्ट देवेंद्र चंदेल, ट्रेनी आशीष और अन्य पांच युवा ट्रेनी शामिल रहे। इस बैल को पकड़ने के लिए महर्षि वेद व्यास गऊशाला के संचालक अशोक कुमार ने अहम भूमिका निभाई। विभागीय आदेशों की अनुपालना करते हुए सड़क पर घूम रहे बेसहारा पशुओं को गऊशाला में भेजने की मुहिम लगातार जारी है।