आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल प्रदेश में एनपीए यानि नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस की बहाल के लिए डॉक्टरों ने अस्पतालों में पेन डाउन स्ट्राइक शुरू कर दी है। हिमाचल प्रदेश मेडिकल अफसर एसोसिएशन के नेतृत्व में डेंटल डॉक्टर्स व वैटरिनरी डॉक्टर भी इस स्ट्राइक में भाग ले रहे हैं। हालांकि आयुष डॉक्टर्स हड़ताल नहीं कर रहे हैं, लेकिन एनपीए की बहाली के लिए हिमाचल मेडिकल अफसर एसोसिएशन का सहयोग कर रहे हैं। सोमवार को डॉक्टरों की हड़ताल के कारण मरीज़ों को परेशानियों से दो चार होना पड़ा। सोमवार को अस्पतालों भारी संख्या में मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं, लेकिन सुबह के समय डेढ़ घंटे तक ओपीडी में डॉक्टर नहीं बैठे। इसके कारण ओपीडी के बाहर मरीज़ो की कतारे लगी रहीं। प्रदेश के सभी अस्पतालों में डॉक्टरों ने सुबह 9.30 बजे से लेकर 11.30 बजे तक दो घंटे कार्य नहीं किया गया, लेकिन इस दौरान सभी अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं, ऑपरेशन थियेटर और लेबर रूम अपनी सेवाएं मरीजों को देते रहे। वहीं, सरकार के इस फरमान के खिलाफ काले बिल्ले भी लगाए गए. प्रशिक्षु और मेडिकल कॉलेज नेरचौक में तैनात डाक्टरों द्वारा कॉलेज परिसर में इक्कठे होकर प्रदेश सरकार से जल्द से जल्द एनपीए बहाल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया।
हिमाचल प्रदेश मेडिकल अफसर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष राजेश राणा ने बताया कि जब तक सरकार की ओर से एनपीए को बहाल करने के लिए अधिसूचना जारी नहीं की जाती हैं, तब तक यह स्ट्राइक जारी रहेगी। अगले सप्ताह से पेन डाउन स्ट्राइक का समय बढ़ा दिया जाएगा। डॉक्टरों को एनपीए देने से प्राइवेट प्रैक्टिस करने से रोका जाता था और इसके बंद होने से सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की सेवाएं अन्य विभाागों के कर्मचारियों व अधिकारियों से बहुत अलग है। दिन-रात डॉक्टरों को सेवाएं देनी पड़ती है। ऐसे डॉक्टरों के लिए एनपीए बंद करना न्याय संगत नहीं है।