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ऊना। डीजीपी संजय कुंडू ने शुक्रवार को अपने ऊना जिला के दो दिवसीय प्रवास के अंतिम दिन पुलिस लाइंस में पुलिस अधिकारियों के साथ अपराध और अपराधियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई की समीक्षा की। इस मौके पर उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी जारी किए। पुलिस लाइंस में मीडिया से बातचीत के दौरान डीजीपी संजय कुंडू ने पुलिस विभाग द्वारा इस वर्ष आपराधिक गतिविधियों के साथ-साथ अवैध खनन नशा तस्करी और अन्य तमाम मामलों में की गई कार्रवाई का लेखा जोखा प्रस्तुत किया।
डीजीपी ने कहा कि प्रदेश के सीमांत जिला ऊना के रायपुर में स्थित आईओसीएल एलपीजी बॉटलिंग प्लांट से पुलिस द्वारा प्रदेशभर में रसोई गैस की आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ट्रक ऑपरेटर यूनियन के पदाधिकारियों द्वारा विरोध स्वरूप सप्लाई को बाधित करने के चलते पुलिस इन गाड़ियों को एस्कॉर्ट कर रही है। हर हाल में पुलिस सप्लाई को सुचारू रखने के लिए प्रतिबद्ध है। ट्रक ऑपरेटर यूनियन एलपीजी सप्लाई को बाधित करने का दुस्साहस न करें। अन्यथा पुलिस इस यूनियन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाएगी। उन्होंने कहा कि यूनियन के अध्यक्ष के खिलाफ हाईकोर्ट में अदालत की अवमानना का मामला चल रहा है। ऐसे में यूनियन को कानून का सम्मान करते हुए इस मामले में अनैतिक गतिविधियों से परहेज करना चाहिए।
नशा माफिया के खिलाफ पंजाब में घुसकर एक्शन लेगी पुलिस
वहीं, डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि नशा माफिया के खिलाफ पुलिस कड़ी कार्रवाई अमल में ला रही है और इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए कई मामले ईडी के सुपुर्द भी किए गए हैं जिसमें करोड़ों रुपए की संपत्तियों को अटैच किया जा चुका है। नशे के खिलाफ पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई हिमाचल प्रदेश में काफी सराहनीय है लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि हिमाचल प्रदेश के बाहर बैठे नशे के तस्करों को यहां के युवाओं में एक बड़ी मार्केट नजर आ रही है। ऐसे में पड़ोसी राज्यों के साथ संपर्क करते हुए नशा तस्करी के बड़े सरगनाओं को भी सलाखों के पीछे धकेलने का काम किया जा रहा है। डीजीपी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की जेलों में बंद 3000 से ज्यादा कैदियों में करीब 40 फ़ीसदी नशा तस्करी के आरोप में काबू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि नशा तस्करों को 10 से 20 वर्ष तक की कैद की सजाएं भी हो रही है। जबकि पुलिस द्वारा नशा तस्करों की संपत्तियों को कुर्क करने के लिए करीब 30 मामले प्रवर्तन निदेशालय के सुपुर्द भी किए जा चुके हैं। जिनमें कार्रवाई करते हुए ईडी ने करोड़ों रुपए की संपत्तियों को जब्त भी किया है।