आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की सातवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक 27 मई को दिल्ली में होने जा रही है, जिसमें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री इसमें हिमाचल से संबंधित मामले उठाएंगे और 15वें वित्त आयोग द्वारा राज्य के लिए दी गई स्टेट स्पेसिफिक ग्रांट्स बहाल करने की मांग भी करेंगे। हालांकि इस बैठक का एजेंडा नेशनल है और इसे पहले सर्कुलेट कर दिया गया है। नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक जिन बिंदुओं के इर्द-गिर्द होगी, उनमें लघु उद्योगों पर फोकस को रखते हुए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए राज्यों द्वारा उठाए गए कदमों पर चर्चा है। हिमाचल में टेनेंसी एंड लैंड रिफॉर्म एक्ट की धारा 118 जैसे कुछ बिंदु अड़चनों के हैं और इन पर इस बैठक में बात हो सकती है। इन्फ्रास्ट्रक्चर और इनवेस्टमेंट के लिए माहौल तैयार करना भी इस बैठक का एजेंडा है। महिला सशक्तिकरण के साथ स्वास्थ्य और पोषाहार तथा स्किल डिवेलपमेंट पर राज्य क्या काम कर सकते हैं?
यह चर्चा भी इस बैठक में होगी। इसके अलावा विकास और सामाजिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में गति शक्ति तथा 2047 तक विकसित भारत बनाने में राज्यों के रोल पर भी इस बैठक में चर्चा होनी है। नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक का एजेंडा तय करने के लिए राज्यों के मुख्य सचिवों की अध्यक्षता में एक बैठक हो चुकी है, जिसमें हिमाचल के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना भी शामिल हुए थे। दिल्ली में होने जा रही अब गवर्निंग काउंसिल की बैठक में भी प्रबोध सक्सेना मुख्यमंत्री के साथ जाएंगे। दरअसल नीति आयोग प्लानिंग कमीशन को खत्म करने के बाद बनाया गया था। इसलिए अब राज्यों के लिए वार्षिक योजना बनाना भी गैर जरूरी हो गया है, लेकिन नीति आयोग की सिफारिश पर अब भी केंद्र से अतिरिक्त धन मिल सकता है। इसलिए राज्य सरकार इस मौके को गंभीरता से ले रही है। यह बात अलग है कि इस बैठक में नेशनल एजेंडा ही प्रमुखता से डिस्कस होता है। कई राज्यों में गैर भाजपा की सरकारों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीम इंडिया का नया कंसेप्ट दिया है और इस पहल के बाद कई मुद्दे सुलझे भी हैं।