आवाज़ ए हिमाचल
नई दिल्ली। लॉरेंस बिश्नोई ने एनआईए के सामने खुलासा किया है कि साल 2021 में उसने अमरीका से गोल्डी बराड़ के जरिए गोगी गैंग को दो जिगाना पिस्टल दी थीं। ऐसे में साफ है कि अमरीका से मंगवाई गई इन्हीं पिस्टल से अतीक और अशरफ की हत्या की गई थी, क्योंकि अतीक को मारने वाले तीनों शूटर्स ने इस बात को यूपी पुलिस के सामने कबूल किया था कि उन्हें जिगाना पिस्टल गोगी गैंग से मिली थीं। लॉरेंस बिश्नोई ने एनआईए के सामने कई और चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उसने बताया कि उसकी लिस्ट में टॉप 10 टारगेट कौन-कौन थे और किस वजह से वे उसकी सूची में आ गए थे।
लॉरेंस ने अपने कबूलनामे में कहा कि कि विक्की मुद्दुखेड़ा के कत्ल का बदला लेने के लिए उसने सिंतबर/अक्तूबर 2021 में तीन शूटर्स शाहरुख, डैनी और अमन को सिद्धू मूसेवाला के कत्ल के लिए उसके गांव भेजे थे। गांव में रुकने के लिए उनकी मदद मोना सरपंच और जग्गू भगवानपुरिया ने की थी, लेकिन बाद में इन शूटर्स ने बताया कि सिद्धू मुसेवाला को मारने के लिए कुछ और शूटर्स को शामिल करना पड़ा। इस दौरान लॉरेंस कनाडा में गोल्डी बराड़ के संपर्क में भी था। लॉरेंस ने एनआईए की पूछताछ में कबूल किया कि सिद्धू मुसेवाला की हत्या की साजिश तैयार करते वक्त हवाला के जरिए 50 लाख रुपए कनाडा में गोल्डी बराड़ को भिजवाए थे। उसने बताया कि साल 2018 से लेकर 2022 के बीच लॉरेंस ने यूपी के खुर्जा से अपने करीबी गैंगस्टर रोहित चौधरी की मदद से आम्र्स सप्लायर कुर्बान चौधरी शहजाद से करीब दो करोड़ रुपए में 25 हथियार खरीदे थे, जिसमें 9 एमएम की पिस्टल और एके 47 शामिल हैं। इन्हीं हथियारों का इस्तेमाल सिद्धू मुसेवाला के कत्ल में हुआ था।