आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने लाहौल-स्पीति जिला के स्पीति क्षेत्र की महिलाओं को प्रतिमाह 1,500 रुपये देने वाली इंदिरा गांधी महिला सम्मान निधि योजना अधिसूचित कर दी है। स्पीति क्षेत्र की पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये की पहली चार किस्तें हर माह मिलेंगी। फिर छह माह के एक साथ 9,000 रुपये मिलेंगे। एक जून से योजना का लाभ मिलना शुरू होगा। सितंबर तक 1,500 रुपये की राशि प्रतिमाह बैंक या डाकघर के खाते में दी जाएगी। इसके बाद छमाही आधार पर पैसा दिया जाएगा।
सम्मान निधि प्राप्त करने के लिए तहसील कल्याण अधिकारी काजा के पास आवेदन करना होगा। 18 से 59 वर्ष की आयु वाली स्पीति की स्थायी निवासी महिलाएं और बौद्ध भिक्षुणियां (चोमो) योजना के तहत 1,500 रुपये लेने के लिए पात्र होंगी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सचिव एम सुधा देवी ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने 15 अप्रैल को हिमाचल दिवस के अवसर पर यह घोषणा की थी। स्पीति क्षेत्र में करीब 46 फीसदी आबादी महिलाओं की है।
यह योजना इस क्षेत्र की महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण में सहायक होगी। सम्मान निधि प्राप्त करने के लिए इच्छुक महिला को निर्धारित प्रपत्र पर तहसील कल्याण अधिकारी काजा के पास आवेदन करना होगा। प्रार्थना पत्र के साथ वैध आयु प्रमाणपत्र, हिमाचली बोनाफाइड-मूल निवासी प्रमाणपत्र, बैंक-डाकघर खाता संख्या के लिए पासबुक की छायाप्रति, आधार कार्ड व राशन कार्ड की छायाप्रति, पंचायत अथवा बौद्ध मठ की मुख्य भिक्षुणी की ओर से जारी प्रमाणपत्र देना होगा।
इन महिलाओं को नहीं मिलेगा योजना का लाभ
योजना के तहत ऐसी महिलाओं को शामिल नहीं किया जाएगा, जिनके परिवार से कोई सरकारी कर्मचारी या पेंशनर होगा। भूतपूर्व सैनिक व सैनिक विधवाएं, मानदेय प्राप्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा वर्कर, मिड डे मील वर्कर, मल्टी टास्क वर्कर, सामाजिक सुरक्षा पेंशन लाभार्थी और वस्तु एवं सेवाकर के लिए पंजीकृत व्यक्ति तथा आयकर दाता महिलाओं को भी योजना में शामिल नहीं किया जाएगा।
अपात्र लाभार्थी की शिकायत मिलते ही अस्थायी तौर पर तत्काल लगेगी निधि पर रोक
विभाग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी लाभार्थी के खिलाफ यदि अपात्र होने की शिकायत प्राप्त होती है तो उसकी आवश्यक जांच तहसील कल्याण अधिकारी की ओर से की जाएगी। ऐसे लाभार्थी की निधि तत्काल कल्याण अधिकारी की ओर से रोक दी जाएगी। जांच पूरी होने के बाद इस बाबत आगामी फैसला लिया जाएगा।
हर वर्ष जांचीं जाएंगी 25 फीसदी लाभार्थियों की पात्रता
सरकार ने योजना के तहत हर वर्ष 10 से 25 फीसदी लाभार्थियों की पात्रता को भी जांचने का फैसला लिया है। अधिसूचना में स्पष्ट किया है कि जिला कल्याण अधिकारी, तहसील कल्याण अधिकारी इसकी जांच करेंगे। योजना में पात्रता की शर्तों के बारे में जांच करेंगे और निधि धारकों की पात्रता को सुनिश्चित करेंगे।