आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। राज्य बिजली बोर्ड में ओल्ड पेंशन पर घमासान शुरू हो गया है। बोर्ड के विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने बोर्ड प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलने का अल्टीमेटम दे दिया है। दरअसल बिजली बोर्ड में ओल्ड पेंशन अभी तक बहाल नहीं हुई है। सरकारी आदेशों के बावजूद अभी तक बिजली बोर्ड कर्मचारियों के वेतन से एनपीएस का शेयर कट रहा है। वहीं हाल ही में हुई बिजली बोर्ड की सर्विस कमेटी की बैठक में भी ओल्ड पेंशन बहाली को एजेंडे में नहीं रखा गया। इससे भी कर्मचारी नाराज है। इसी मसले पर रविवार को स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड इंप्लाइज यूनियन के राज्य पदाधिकारियों की वर्चुअल बैठक हुई। यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कामेश्वर दत्त शर्मा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के आदेशों के बावजूद बोर्ड प्रबंधन वर्ग मामले में जानबूझ कर देरी कर रहा है। यूनियन ने आरोप लगाया कि बोर्ड प्रबंधन ने शनिवार को हुई सर्विस कमेटी की बैठक में बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन को लागू कर सकता था, लेकिन बैठक में इस मुद्दे को नहीं ले गए, जिससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। यूनियन ने कर्मचारियों में भारी आक्रोश के चलते बोर्ड प्रबंधन के इस मामले में ढुलमुल रवैया के खिलाफ 25 मई को बोर्ड मुख्यालय, शिमला-4 के बाहर विशाल विरोध प्रदर्शन करने का फ़ैसला लिया है ।
यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि प्रबंधन वर्ग 25 मई से पहले बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन की बहाली के आदेश जारी करे। उन्होंने मांग की है कि इस बीच में कटे गए कर्मचारियों के शेयर को आगे फंड मैनेजर के पास जमा न करें, जब तक पुरानी पेंशन पर फैसला नही हो जाता। वहीं दूसरी ओर राज्य विद्युत बोर्ड तकनीक कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण कपटा एवं प्रदेश महामंत्री नेकराम ठाकुर का कहना है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद बिजली बोर्ड सर्विस कमेटी में अधिकारियों द्वारा पुरानी पेंशन बहाली पर चर्चा तक न करना दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार की योजनाओं को लागू करना अधिकारियों का काम होता है, लेकिन अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री ने बिजली बोर्ड प्रबंधन यह मांग भी उठाईं है कि उनकी 21 सूत्रीय मांगों पर पिछले वर्ष बैठक हुई थी। इनमें से जिन मांगोड्ड को बैठक में मान लिया गया था, उन पर तकनीकी कर्मचारी संगठन के साथ वार्ता बुलाई जाए।