आवाज ए हिमाचल
हिरोशिमा। जापान के हिरोशिमा में शनिवार को ग्रुप ऑफ सेवन (जी7) देशों ने साझा बयान जारी किया। जी 7 देशों ने साझा बयान जारी कर चीन को सख्त चेतावनी दी है। जी 7 देशों ने चीन का नाम लिए बिना दुनिया से किसी एक देश का आर्थिक दबदबा खत्म करने की शपथ ली। नेताओं ने अपील की है कि चीन यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को समाप्त करने के लिए अपने रणनीतिक साझेदार रूस पर दबाव बनाए। इसके साथ ही ताइवान को लेकर भी इशारों में संदेश दिया गया है। चीन से कहा गया है कि वह ताइवान की स्थिति का सम्मान करे। जी7 देशों ने कहा कि जी7 और उसके साथी देशों के आर्थिक हालातों को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया गया, तो परिणाम भुगतना होगा। किसी एक देश के आर्थिक दबदबे को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। जी7 देशों ने चीन से अपील की है कि वह यूक्रेन से जंग खत्म करने के लिए रूस पर दबाव बनाए। हिरोशिमा में जी7 देशों ने मिलकर यूक्रेन की मदद करते रहने का वादा किया है। उधर, जी7 समिट के दौरान यूके्रन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात थी। हालांकि 15 महीने से जारी जंग के दौरान मोदी और जेलेंस्की फोन पर बात कर चुके हैं। हिरोशिमा में दोनों नेताओं के बीच बातचीत भी हुई। इस दौरान नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजित डोभाल मौजूद थे। जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की से कहा- यूक्रेन जंग इकोनॉमी और पॉलिटिक्स का नहीं, इनसानियत का मुद्दा है। भारत इस जंग को खत्म करने के लिए हर कदम उठाने तैयार है।
वहीं हिरोशिमा में जी7 की बैठक शुरू होने से पहले अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान वह वल्र्ड लीडर्स के बीच बैठे मोदी से मिलने उनकी सीट तक आए और उन्हें गले लगाया। इस दौरान जी7 समिट में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक यिओल, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से भी मिले।