आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। युवाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने की दस करोड़ रुपए की राजीव गांधी स्वरोजगार योजना शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हाल ही में प्रदेश मंत्रिमंडल ने इस महत्त्वकांक्षी योजना को शुरू करने की मंजूरी दी है। यह योजना हिमाचल को वर्ष-2026 तक देश का पहला हरित ऊर्जा राज्य बनाने और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक आदर्श राज्य के रूप में विकसित करने में सहायक सिद्ध होगी। इस योजना के तहत राज्य के युवाओं कोई-टैक्सियां, ई-बसें, ई-ट्रक खरीदने और एक मेगावाट तक वाणिज्यिक सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए प्रोत्साहन, रियायतें और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना को व्यापक विस्तार देेने के लिए दंत क्लीनिक स्थापित करने के लिए मशीनरी और उपकरणों की खरीद और मत्स्य पालन पर आधारित परियोजनाओं और इसके प्रसंस्करण को भी इस इसके दायरे में लाया गया है।
सरकार द्वारा 60 लाख तक के संयंत्र और मशीनरी की खरीद पर 25 प्रतिशत के निवेश अनुदान का प्रावधान किया गया है। इसके तहत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को 30 प्रतिशत अनुदान और सभी महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों और दिव्यांगजनों को 35 प्रतिशत उपदान का प्रावधान है। इनई-वाहनों की खरीद के लिए अनुदान का हिस्सा समान रूप से 50 प्रतिशत होगा, जबकि एक मेगावॉट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए यह पात्र श्रेणियों के लिए 40 प्रतिशत होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार न केवल स्थानीय युवाओं को अनुदान देकर निजी क्षेत्र में स्वरोजगार के अवसर सृजित करने के लिए प्रयासरत है, बल्कि सरकारी क्षेत्र में विभिन्न पदों पर भर्ती भी कर रही है।उन्होंने कहा कि हाल ही में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में अकेले प्रारंभिक शिक्षा विभाग में विभिन्न श्रेणी के शिक्षकों के लगभग 5300 पदों को भरने का निर्णय लिया गया है और इन्हें भरने की प्रक्रिया शीघ्र ही हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से प्रारंभ की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का यह निर्णय राज्य के युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम है।