हिमाचल में सरकारी वन भूमि पर खैर के पेड़ों के कटान को सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति

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आवाज़ ए हिमाचल

शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश के वन विभाग के दस वन मंडलों की सरकारी वन भूमि पर खैर के पेड़ों के कटान की अनुमति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष इस मामले की पुरजोर वकालत की और इसके फलस्वरूप वन विभाग के पक्ष में निर्णय आया। उन्होंने कहा कि ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, नालागढ़ और कुटलैहड़ वन मंडलों में खैर के पेड़ों की कटान के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। इन वन मंडलों में प्रति वर्ष 16500 वृक्षों का कटान निर्धारित किया गया है। खैर का कटान शीघ्र ही शुरू कर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नाहन, पांवटा साहिब, धर्मशाला, नूरपुर और देहरा पांच वन मंडलों के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि वन अधिकारी इन पांचों वन मंडलों के लिए कार्य योजना तैयार करने के लिए वनों का निरीक्षण करने और खैर के पेड़ों की गिनती की प्रक्रिया शुरू करेंगे। सुक्खू ने कहा कि खैर के पेड़ों की सिल्वीकल्चर कटाई वन प्रबंधन एवं इनके कायाकल्प के अलावा सरकार के राजस्व सृजन में सहायक सिद्ध होगी।

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