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नई दिल्ली। मुंबई अटैक की प्लानिंग करने वाले पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण करने को अमरीका अब तैयार हो गया। भारत ने 10 जून, 2020 को अमरीकी कोर्ट में तहव्वुर राणा की अस्थायी गिरफ्तारी की मांग करते हुए गुहार लगाई थी। जो बाइडन प्रशासन ने राणा के भारत प्रत्यर्पण का समर्थन किया था और उसे मंजूरी दी थी। कैलिफोर्निया के मध्य जिला की जिला अदालत की न्यायाधीश जैकलीन चूलजियान ने 48 पेज के आदेश में कहा कि कोर्ट ने अनुरोध के समर्थन और विरोध में प्रस्तुत सभी दस्तावेजों की समीक्षा की है और उन पर और सुनवाई में प्रस्तुत तर्कों पर विचार किया है। न्यायाधीश जैकलीन चूलजियान ने कहा कि कोर्ट का निष्कर्ष है कि तहव्वुर राणा (62 वर्ष) उन अपराधों के लिए प्रत्यर्पण योग्य है, जिनमें उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया गया है। कोर्ट की सुनवाई में अमरीकी सरकार के वकीलों ने तर्क दिया कि राणा को पता था कि उसका दोस्त पाकिस्तानी-अमरीकी डेविड कोलमैन हेडली लश्कर-ए-तैयबा में शामिल है।
राणा ने हेडली की सहायता करके और उसे बचाव प्रदान कर आतंकवादी संगठन और इसके सहयोगियों की मदद की। कोर्ट ऑर्डर के दस्तावेजों के मुताबिक, राणा मुंबई हमले के बाद के दिनों में बेफिक्र हो गया था। वह चाहता था कि लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को पाकिस्तान का सबसे ऊंचा सैन्य सम्मान दिया जाए। गौरतलब है कि 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमलों में भूमिका को लेकर भारत के प्रत्यर्पण का अनुरोध किए जाने पर तहव्वुर राणा को अमरीका में गिरफ्तार किया गया था। उधर, एनआईए ने कहा है कि वह राजनयिक माध्यमों से तहव्वुर राणा को भारत लाने की कार्यवाही शुरू करने को तैयार है। लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों के किए गए 26/11 हमलों में तहव्वुर राणा की भूमिका की जांच एनआईए कर रही है।