ओपीएस बहाल न हुई, तो आंदोलन ही आखिरी रास्ता, सीएम से मुलाकात करेंगे बिजली बोर्ड कर्मी

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आवाज़ ए हिमाचल

शिमला। बिजली बोर्ड में ओल्ड पेंशन पर घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब कर्मचारियों ने ओपीएस बहाल न होने की स्थिति में आंदोलन पर उतरने की बात कही है। बिजली बोर्ड में कर्मचारियों का एनपीएस भी कट रहा है। इस बारे में बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने चेयरमैन रामसुभग सिंह को भी पत्र लिखा था, लेकिन अभी तक बिजली बोर्ड के कर्मचारी ओपीएस के दायरे में नहीं आ पाए हैं। बिजली बोर्ड में करीब नौ हजार नियमित और अनुबंध आधार पर कार्यरत कर्मचारी ओल्ड पेंशन बहाल होने का इंतजार कर रहे हैं, जबकि 15 मई, 2003 के बाद करीब 250 कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं, जो दस साल सेवाकाल के तय नियमों को पूरा करते हैं। बिजली बोर्ड में कर्मचारियों के एनएसडीएल में काटे जा रहे हिस्से पर भी ब्रेक नहीं लगी है। हिमाचल में बिजली बोर्ड कर्मचारियों को राजस्थान बिजली प्रशासन निगम की तर्ज पर लाभ देने की गुजारिश की जा रही है।

बिजली बोर्ड कर्मचारी एसोसिएशन के महासचिव हीरा लाल वर्मा ने कहा कि ओपीएस बिजली बोर्ड कर्मचारियों के लिए भी बहाल करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि इसी महीने कर्मचारियों के पक्ष में कोई फैसला नहीं लिया गया तो आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। यह आंदोलन पूरे प्रदेश में होगा। इससे पूर्व एक बार कर्मचारी एसोसिएशन मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करेगी। इस दौरान भी ओपीएस पर फैसला नहीं लिया गया तो सभी कर्मचारी आंदोलन पर उतर आएंगे। यूनियन के महासचिव हीरा लाल वर्मा ने बताया कि बिजली बोर्ड 15 मई 2003 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों को सीसीएस (पेंशन) के अधीन लाभ मिल रहा है। यह लाभ राज्य सरकार के सिविल सर्विस पेंशन नियम 2006 के आधार पर है, लेकिन अब सरकार ने अपने नियम में संशोधन कर कर्मचारियों को लाभ दिया है।

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