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बिलासपुर। जिला बिलासपुर की खड्डों में प्रतिबंध के बावजूद अवैज्ञानिक तरीके से लगातार किए जा रहे अवैध खनन की वजह से भू-जलस्तर पेयजल योजनाओं के पानी के लेवल से भी डेढ़ मीटर नीचे तक चला गया है। विभागीय अधिकारियों की टीम द्वारा किए गए सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ है। पेयजल योजनाओं के अस्तित्व पर भविष्य में एक बड़ा संकट गहराने की संभावना के मद्देनजर जलशक्ति विभाग ने चैकडैम लगाकर जलस्रोतों के संवर्धन की कार्य योजना तैयार की है। उपायुक्त की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय कमेटी की स्वीकृति के बाद यह प्रस्ताव राज्य स्तरीय कमेटी को प्रेषित किया गया है। उस ओर से अप्रूवल मिलने के बाद फंडिंग के लिए जलजीवन मिशन की मंजूरी को प्रस्ताव भेजा जाएगा। जिले में लंबे चौड़े दायरे में फैली सीर के अलावा शुक्र व सरहयाली सहित अन्य सहयोगी खड्डें हैं। जिले में 278 पेयजल स्कीमें व 76 सिंचाई स्कीमें हैं। सीर खड्ड पर जाहू से लेकर झंडूता ब्लॉक के बलघाड़ तक 62 पेयजल स्कीमें कार्यरत हैं, जिनके माध्यम से हजारों लाखों की आबादी लाभान्वित होती है। समस्या यह है कि सालों से खड्डों में अवैध खनन किया जा रहा है और अवैज्ञानिक तरीके से किए जा रहे खनन के कारण खड्डों का जल स्तर काफी नीचे चला गया है, जिसके चलते भविष्य में एक बड़ा पेयजल संकट गहराने के आसार बन गए हैं। विभागीय अधिकारियों की एक टीम ने जाहू से लेकर बलघाड़ तक सर्वेक्षण किया तो पाया कि खड्डों पर आधारित पेयजल योजनाओं का जल स्तर डेढ़ मीटर तक नीचे चला गया है।
कई योजनाएं ऐसी हैं, जहां पानी की कमी के चलते खड्ड में किसी दूसरी जगह पंप लगाकर पानी उठाना पड़ रहा है। उधर, जलशक्ति विभाग बिलासपुर सर्किल के अधीक्षण अभियंता ईं. राजेश कुमार शर्मा ने कहा कि खड्डों पर आधारित पेयजल स्कीमें का जलस्तर उनके पानी के लेवल से भी डेढ़ मीटर नीचे तक चला गया है। इसी चिंता को ध्यान में रखते हुए चैकडैम लगाकर पानी को इन्क्रीज करने की कार्य योजना तैयार कर स्वीकृति के लिए राज्य स्तरीय कमेटी को भेजी गई है। अप्रूवल मिलने के बाद जलजीवन मिशन से फंडिंग के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा। वहीं अवैध खनन की रोकथाम के लिए जिलाधीश से उचित कदम उठाने का आग्रह किया गया है।