आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। कांग्रेस ने 16 साल बाद राजधानी का किला फतेह कर लिया है। शिमला नगर निगम चुनाव में कांग्रेस ने 34 में से 24 वार्ड जीतकर कमाल कर दिया है। भाजपा को सिंगल डिजिट में रोककर कांग्रेस ने एक और झटका दिया है। भाजपा को महज नौ सीटों से संतोष करना पड़ा है, इनमें से भी छह वार्ड में हार-जीत का अंतर 23 से 70 वोटों के बीच रहा है। उधर, चार वार्ड पर चुनाव लडऩे वाली माकपा ने समरहिल से जीत दर्ज की है। 16 साल बाद दोबारा राजधानी में कांग्रेस सत्ता पर काबिज हुई है। कांग्रेस की इस जीत के साथ ही अब प्रदेश और शिमला नगर निगम दोनों जगह कांग्रेस की सरकार चलेगी। हिमाचल में उपचुनाव के बाद शुरू हुए जीत के सिलसिले को भी पार्टी ने बरकरार रखा है।
कांग्रेस ने सबसे पहले खाता उपचुनाव में खोला था। मंडी लोकसभा समेत प्रदेश की चारों विधानसभा सीटों के उपचुनाव कांग्रेस ने जीते थे। इसके बाद विधानसभा में प्रदर्शन को दोहराते हुए पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 67 में से 40 सीटें जीतकर हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बना दी। अब लोकसभा चुनाव से ठीक पहले यह तीसरा मौका है, जब कांग्रेस ने अपने पुराने प्रदर्शन को बरकरार रखते हुए लगभग एकतरफा मुकाबले में भाजपा को पटखनी दे दी है। इसके बाद पार्टी को लोकसभा चुनाव की तैयारी करनी है और इस चुनाव के लिए यह जीत बहुत बड़ी साबित होने वाली है। शिमला नगर निगम चुनाव में सत्ता पर काबिज होने की वजह से कांग्रेस का सबकुछ दांव पर लगा था।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सीधे प्रचार में उतरे थे और मंत्रियों समेत विधायकों की पूरी फौज इस चुनाव में उतार दी थी। संगठन में लगातार तालमेल बैठाते हुए प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी चुनाव की रणनीति में अहम किरदार निभा रही थीं। अब सरकार और संगठन के इन प्रयासों का फायदा नगर निगम चुनाव में मिल गया है। कांग्रेस की बड़ी जीत के साथ ही पार्टी अब राजधानी में वापसी कर रही है।