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अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर। किरतपुर-नेरचौक फोरलेन शुरू होने के बाद बिलासपुर की गोबिंदसागर झील में गोवा की तर्ज पर क्रूज और डल झील की तर्ज पर शिकारे उतारने की तैयारी पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन कर रहे हैं। क्रूज में सैलानी लग्जरी पार्टियां कर सकेंगे। यहां खाने-पीने से लेकर हर तरह की सुविधा होगी। निवेश के लिए बड़ी कंपनियां पर्यटन विभाग के संपर्क में हैं। तैयारी होने के बाद पर्यटन विभाग को झील में शिकारे, क्रूज और सभी प्रकार की बोट उतारने के लिए भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) की मंजूरी का इंतजार है।
पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन कई बार मंजूरी के लिए बीबीएमबी के पास आवेदन भी कर चुके हैं। उपायुक्त बीबीएमबी के अधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं, लेकिन बीबीएमबी का कोई अधिकारी इस विषय पर रुचि नहीं दिखा रहा है। इस कारण निवेशक होने के बावजूद झील में शिकारे,क्रूज और बोट नहीं उतारे जा सके हैं। किरतपुर-नेरचौक फोरलेन शुरू होने के साथ ही यह परियोजना धरातल पर उतरने से न केवल गोबिंदसागर झील में पर्यटन गतिविधियां बढ़ेंगी, बल्कि झील के साथ लगते कई धार्मिक और पर्यटन स्थल भी विकसित होंगे।
उधर, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने भी कोलबांध, गोबिंद सागर झील, चमेरा और पौंग डैम में वाटर स्पोटर्स गतिविधियां शुरू करने की घोषणा की है। इसके लिए सरकार बीबीएमबी के संपर्क में भी है। भाखड़ा बांध के लिए बिलासपुर के करीब आठ हजार परिवारों ने जमीन और पुश्तैनी घरों की कुर्बानी दी थी। आज भी ये परिवार विस्थापन का दंश झेल रहे हैं। इन्हें न रोजगार और न ही रहने के लिए उपयुक्त स्थान मिला है।
भाखड़ा बांध से 65 किमी दूर होने के बावजूद भी मंजूरी देने को अड़ा है बीबीएमबी प्रबंधन गोबिंदसागर झील भाखड़ा बांध से 65 किलोमीटर दूर है। पर्यटन विभाग ने लिखकर दिया है कि झील के आसपास कोई निर्माण कार्य नहीं करवाया जाएगा। झील में बोट, शिकारे और क्रूज ही उतारे जाएंगे। फिर भी बीबीएमबी मंजूरी नहीं दे रहा है। वहीं, ऊना के अंदरोली की गोबिंदसागर झील भाखड़ा बांध से केवल 10 किलोमीटर ही दूर है। वहां बीबीएमबी ने गतिविधियों के लिए मंजूरी दी है।
गोबिंदसागर झील में गतिविधियां शुरू करने के लिए निवेशक तैयार हैं। बीबीएमबी से मंजूरी मिलने तक कोई गतिविधि पर्यटन विभाग शुरू नहीं कर सकता है। निवेशक क्रूज ,शिकारे और सभी प्रकार की बोट गोबिंदसागर में उतारेंगे। इससे स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। -रितेश पटियाल,जन सूचना संपर्क अधिकारी पर्यटन विभाग
जिला प्रशासन ने बीबीएमबी को कई बार पत्र लिखे हैं। निजी तौर पर भी वार्ताएं की गई हैं, लेकिन बीबीएमबी से अभी तक कोई सहयोग नहीं मिला है। इस विषय में पर्यटन विभाग के उच्च अधिकारियों को लिखा गया है, ताकि बिलासपुर में पर्यटन को विकसित किया जा सके। -आबिद हुसैन सादिक,उपायुक्त बिलासपुर
बिलासपुर प्रशासन और पर्यटन विभाग की तरफ से जो फाइल और रिपोर्ट आई थी उसमें कुछ कमियां थीं। उन्हें कमेंट्स के साथ बीबीएमबी के बोर्ड ऑफ चंडीगढ़ को भेजा है। चंडीगढ़ बोर्ड आगे की कार्रवाई कर जिला प्रशासन से संपर्क करेगा। -सीपी सिंह,मुख्य अभियंता भाखड़ा, ब्यास प्रबंधन