आवाज ए हिमाचल
4 जनवरी। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के 39वें दिन रविवार को 18 साल के एक युवक सहित चार और लोगों की मौत हो गई। इस आंदोलन के दौरान अब तक 54 किसानों की मौत हो चुकी है। इनमें से कुछ ने सुसाइड कर लिया और कइयों की जान बीमारियों, ठंड और हार्ट अटैक के चलते गई है। सिंघु और टीकरी बार्डर पर रविवार को जान गंवाने वाले चार किसानों में से दो हरियाणा और दो पंजाब के रहने वाले थे। मौत की वजह हार्ट अटैक बताई जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बहादुरगढ़ के करीब टीकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे बठिंडा के 18 साल के जश्नप्रीत सिंह की शनिवार देर रात अचानक तबीयत बिगड़ गई। उसे सिविल अस्पताल और फिर पीजीआई ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उधर, हरियाणा के जींद के जगबीर का शव ट्राली में मिला।
वह भी टीकरी बार्डर पर ही धरना दे रहे थे। उनकी उम्र 66 साल थी। इसी बीच, सिंघु बार्डर पर सोनीपत के बलवीर सिंह और पंजाब के लिदवां निवासी निर्भय सिंह शनिवार रात को पार्कर मॉल के टेंट में सोए थे। सुबह जब साथियों ने उन्हें जगाने की कोशिश की, तो उनके शरीर में कोई हलचल नहीं हुई। अस्पताल ले जाने पर डाक्टरों ने दोनों मृत घोषित कर दिया। इसके अलावा आंदोलन में शामिल एक अन्य किसान को हार्ट अटैक आया है। हालत गंभीर होने के चलते उन्हें पीजीआई रैफर किया गया है।
आज आठवें दौर की बातचीत
किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच सोमवार को आठवें दौर की बातचीत होनी है। इस बातचीत में किसानों के दो बड़े मुद्दों पर चर्चा होनी है। पहला-सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले। दूसरा-सरकार यह लीगल गारंटी दे कि वह मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी एमएसपी जारी रखेगी।