आवाज ए हिमाचल
2 जनवरी। क्युरटेक ग्रुप के एम डी सुमित सिंगला ने शनिवार को यहाँ पत्रकार वार्ता मे कहा कि कोरोना के कहर के कारण अब धीरे धीरे ट्रैक पर आ रही फार्मा इंडस्ट्री फिर प्रभावित हुई है। पुनः दवाई के रा मैटीरियल के दामो मे काफी बढ़ोत्तरी हो गयी है जिसके कारण उत्पादन प्रभावित होना शुरू हो गया है। उन्होंने सरकार से मांग की किं देश मे चल रहे फार्मा उधमियों को राहत के तौर पर डी पी सी ओ के तहत रेट फिक्स कर एक नीति बनानी चाहिए ताकि फार्मा उधमी दवाई सस्ती कीमत पर उपलब्ध करवा सके।उन्होंने मांग की कि सरकार दवाई की कीमत की तरह उसमें प्रयोग होने वाले रा मटेरियल के भी सरकार मूल्य तय करे। यही नहीं उन्होंने कहा कि आज पेरासिटामोल,मोन्तिकुलस व निमुस्लाइड के रेट कई गुणा हो गए हैं जिससे फार्मा उद्यमी परेशानी मे हैं क्योंकि अधिकतर दवाओं मे ये तीनों मटेरियल प्रयोग होते हैं।सिंगला ने कहा कि इससे उद्योगों को काफी नुकसान होगा।
उन्होंने कहा कि इन दिनों दवाइयों की काफी डिमांड चल रही है और फार्मा उधोग कोरोना से नहीँ उभर पाए हैं। सरकार इन रा मटेरियल के सरकारी डी पी सी ओ के तहत रेट फिक्स कर उधमियों को राहत दे। उन्होंने उदहारण देते हुए बताया कि पेरासिटामोल जो 275 रुपये मे मिलता था वह 525 रुपये मे,मोन्तटीकुलास जो 42000 रुपये किलो मिलता था वह अब 6लाख 20000 किलो मिल रहा है, निमुसलिड जो 425 रुपये किलो मे मिलता था आज 1450 रुपये मे उपलब्ध हो रहा है, जिससे फार्मा उधमी सरकारी एम एन सी कंपनियों व सरकार को बिड के तहत भी सस्ते पी ओ के तहत दवाई उपलब्ध करवाने मे सक्षम नही है, सरकार अविलंब इस बारे उचित नीति बना फार्मा उधमियों के हित सुरक्षित करे।
बताया कि यही नही दवाई पैकिंग मे काम आने वाली पी वी सी भी महंगी हो गयी है जो पहले 100 रुपये मे मिलती थी अब 180 व फॉयल जो 160 रुपये मे मिल रही थी अब 220 से 250 रुपये मे मिल रही है जो कई गुना है। इसके अलावा गते व अलमुनियम के 40 प्रतिशत दाम बढ़ा दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश मे करीब 800 उद्योग हैं व मिनी भारत फार्मा हब बददी मे 400 दवा उधोग संचालित हैं। कोरोना महामारी के दौरान दवा उद्योगों ने अपना काम चालू रखा था और देश मै दवाईओ की कमी न होने दी लेकिन अब ए पी आई रा मैटीरियल दाम अढ़ाई गुणा बढ़ने से उधमियों को पुराने आर्डर पूरा करने मे काफी परेशानी हो रही है। यही नही ए पी आई के साथ साथ पी वी सी व ग त्ते कार्टन व केमिकल्स के दाम बढ़ने से फार्मा उद्योग संकट के दौर से झूज रहा है। उन्होंने माँग उठाते हुए कहा कि अगर जल्दी समाधान नही निकला तो उद्योग काफी प्रभाभित होंगें। उन्होंने कहा कि पहले चीन से अस्सी प्रतिशत कच्चा माल सप्लाई होता था लेकिन अब कई प्रतिबंध लग चुके हैं।कुछ ए पी आई इंडस्ट्री द्वारा इसका फायदा उठाते हुए बढ़ोतरी की गई है। जिस पर अंकुश लगना चाहिए।
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