आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को अपीलीय कोर्ट से राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने राहुल गांधी को राहत न मिलने पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि अदालत का निर्णय राहुल गांधी और गांधी परिवार के घमंड पर करारा प्रहार है। उन्होंने कहा कि सूरत की अपीलीय कोर्ट के आदेश से स्पष्ट हो गया है कि देश में संविधान का राज है, न कि किसी परिवार का। कानून के तहत किसी भी परिवार को तरजीह नहीं दी जा सकती है और न ही किसी भी परिवार को अलग नजरिया से देखने की सुविधा हो सकती है। जयराम ने कहा कि सूरत की अपीलीय कोर्ट के निर्णय से गांधी परिवार की तो हार हुई ही है, साथ ही इस परिवार के बचाव में उतरने वाले उस ईको-सिस्टम की भी हार हुई है, जिसमें कांग्रेस सहित देश-विदेश में बैठे बड़े-बड़े लोग शामिल हैं। सूरत अदालत के आदेश से पिछड़े वर्ग में खुशी की लहर है।
सूरत के अपीलीय कोर्ट को भी लगा कि राहुल गांधी को मानहानि मामले में ट्रायल कोर्ट ने जो सजा दी है, उसमें मेरिट है, अत: सजा को स्टे नहीं किया जा सकता। कोर्ट को लगा कि राहुल गांधी ने पिछड़े समाज को अपशब्द कहे हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि सूरत कोर्ट के निर्णय से देश की आम जनता और पिछड़े वर्ग सहित न्यायिक प्रणाली की बहुत बड़ी जीत है, क्योंकि पिछले माह राहुल गांधी को सूरत कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद कोर्ट के निर्णय के विरोध में कांग्रेस पार्टी ने न्यायपालिका के खिलाफ सडक़ों पर अभियान चलाया था।
कानून सबके लिए बराबर
जयराम ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी और गांधी परिवार शायद यह सोचता है कि वह कुछ भी कर सकता है और उनका कुछ नहीं बिगड़ेगा। आज सूरत की अदालत के निर्णय से यह सिद्ध होता है कि कानून सबके लिए बराबर है। जब ट्रायल कोर्ट का आदेश आया था कि तब कांग्रेस और गांधी परिवार के ईको सिस्टम ने ऐसा माहौल बनाया था कि कोर्ट में कुछ गड़बड़ी थी।