आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। प्रदेश के चार दिवसीय प्रवास पर पहुंची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सम्मान में मंगलवार को राजभवन में राज्य सरकार की ओर से नागरिक अभिनंदन समारोह एवं रात्रि भोज का आयोजन किया गया। राष्ट्रपति ने राजभवन परिसर में बुरांश का पौधा भी रोपित किया।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि राष्ट्रपति का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। समाज कल्याण, शिक्षा के क्षेत्र और विशेष तौर पर नवाचार को बढ़ावा देने में उनके प्रयास अतुलनीय है। सार्वजनिक जीवन में उनका अनुभव हम सभी का मार्गदर्शन करने में सहायक है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1948 से वर्तमान तक हिमाचल प्रदेश की यात्रा सतत विकास और सामाजिक उत्थान का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। राज्यपाल ने प्रदेश के साधारण, भोले-भाले और कर्मठ लोगों की सराहना करते हुए कहा कि यहां के लोग अपनी परम्पराओं और संस्कृति से गहरे से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति से जुड़े रहना और इसे संरक्षित रखते हुए आगामी पीढ़ियों को इससे परिचित करवाना एक बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र की अपनी अलग गाथा है और इनमें यहां की वीरता, संस्कृति व परम्पराओं तथा अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता का उल्लेख है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश के अपने पहले प्रवास पर पहुंची राष्ट्रपति का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि समाज के पिछड़े व कमज़ोर वर्गों के उत्थान के लिए उनके निरंतर प्रयास हम सभी के लिए प्रेरक है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने मात्र चार माह पहले ही कार्यभार संभाला है। इस छोटी-सी अवधि में नवाचारों के माध्यम से अनेक महत्वाकांक्षी कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने लगभग 6 हजार अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया है। निराश्रितों को लाभान्वित करने के लिए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय कोष का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में अनाथ एवं निराश्रित बच्चों को समुचित शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा इत्यादि उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत एक कानून भी पारित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने विधवा एवं एकल नारियों को गृह निर्माण के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने की पहल की है। उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत लाभार्थी महिलाओं को डेढ़ लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इस वित्त वर्ष में पात्र 7 हजार महिलाओं को लाभान्वित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार हिमाचल प्रदेश को मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए कृतसंकल्प है। प्रदेश में छः ग्रीन कॉरिडोर स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए अनेक नई योजनाएं बनाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन विकास की अपार सम्भावनाएं हैं तथा इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने ज़िला कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। प्रदेश सरकार ने हिमाचल को देश का आत्मनिर्भर तथा आर्थिक रूप से सक्षम राज्य बनाने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार कार्यप्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करते हुए राज्य में लोगों को भ्रष्टाचार मुक्त, उत्तरदायी एवं जवाबदेह प्रशासन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों का समान तथा संतुलित विकास सुनिश्चित करना है। प्रदेश सरकार द्वारा गरीब तथा पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए विभिन्न योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने मशोबरा स्थित राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास ‘प्रेसिडेंशियल रिट्रीट’ को आम लोगों के लिए खोलने पर राष्ट्रपति का आभार भी व्यक्त किया। देश भर से आने वाले लोग अब यहां स्थित राष्ट्रपति निवास का भ्रमण कर सकेंगे तथा इस ऐतिहासिक धरोहर की मनमोहक सुन्दरता का लुत्फ़ उठा सकेंगे।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सबीना, प्रदेश मंत्रिमंडल के सदस्यगण, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार(मीडिया) नरेश चौहान, विधायकगण, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, विभन्न प्रधान सचिव, सेना व नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।