राजनकांत बोले- कब्जा या फिर मुआवजा दे प्रशासन
आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर। जिला बिलासपुर के अंतर्गत शिमला-मटौर नेशनल हाइवे पर मंगरोट में जमीन को लेकर चल रहा विवाद खत्म होता नजर आ रहा है। मंगरोट के ग्रामीणों की प्रशासन के समक्ष रखी गई मांग के तहत राजस्व विभाग ने निशानदेही की है और एनएच पर पीडि़त की जमीन पाई गई है। इसे निशानदेही से पीडि़त भी संतुष्ट है, लेकिन अभी तक राजस्व विभाग द्वारा प्रशासन को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। इसके बाद ही प्रशासन की ओर से आगामी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
जानकारी के अनुसार मंगरोट के राजनकांत शर्मा ने कुछ माह पहले नेशनल हाइवे के बीचों-बीच चाय की दुकान और खोखा सजा लिया था। इस व्यक्ति का दावा था कि एनएच में उसकी जमीन है और उन्हें इस जमीन का मुआवजा दिया जाए। वहीं, प्रशासन की ओर से भी यहां का निरीक्षण किया गया, लेकिन ग्रामीण संतुष्ट नहीं थे। वहीं, मंगरोट के ग्रामीणों ने उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक से भी मुलाकात की और समस्या से अवगत करवाया था।
ग्रामीणों की मांग के बाद शुक्रवार को प्रशासन की टीम मंगरोट पहुंची और निशानदेही की गई। मौके पर गई टीम ने निशानदेही कर बाउंड्री बता दी हैं और उसकी रिपोर्ट बनाई जा रही है, जो उपायुक्त बिलासपुर को जल्द ही सौंपी जाएगी। निशानदेही में पता चला है कि आवेदक राजनकांत की जमीन का कुछ हिस्सा नेशनल हाइवे में भी निकला है और अब आगामी कार्रवाई के लिए यह मामला प्रशासन के पास जाएगा।
उधर, मंगरोट के राजन कांत ने बताया कि शुक्रवार को राजस्व अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर निशानदेही की है। टीम में नेशनल हाइवे, लोक निर्माण विभाग व नायब तहसीलदार, तहसीलदार सहित कानूनगो व पटवारी भी मौजूद रहे। उनके नंबर की निशानदेही की गई। उनकी लगभग 15 विस्वा जमीन इस नंबर पर है, जो अब उन्हें पता चल गई है। जमीन का कुछ हिस्सा शिमला-मटौर नेशनल हाइवे में भी मिला है। उन्हें उम्मीद है कि अब प्रशासन की ओर से उन्हें उनकी जमीन का यह कब्जा दिया जाएगा या फिर मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक का भी आभार जताया है।