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अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर। उतरी भारत के सुप्रसिद्ध धार्मिक तीर्थ स्थल एवं महाऋषि मार्कंडेय जी की तपोभूमि मार्कंडेय में लगे बैशाखी मेले में इस बार करीब साठ हजार लोगो ने बैशाखी स्नान किया। इस वर्ष श्रधालुओ की संख्या में पिछले वर्षो की तुलना में कमी देखी गई। इस बार रात्री स्नान में श्रद्धालुओं ने बहुत कम रूचि दिखाई परन्तु दिन को श्रद्धालुओं का आने जाने का सिलसिला लगा रहा। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बार मार्कंडेय में करीब पन्द्रह हजार श्रद्धालुओं ने ही रात्री स्नान किया जबकि दिन को यह संख्या बढ़ कर करीब चालीस हजार तक पहुंच गई।
मार्कंडेय में स्नान करने के लिए श्रद्धालु बिलासपुर, सोलन, शिमला, हमीरपुर, ऊना, मंडी व पडोसी राज्य पंजाब, हरियाणा व दिल्ली से पहुंचे थे। श्रद्धालु अपने अपने वाहनों में परिवार व दोस्तों संग यहाँ पहुँच रहे थे और मार्कंडेय स्नान के बाद मार्कंडेय मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद वापिस अपने अपने घरो को लौट रहे थे। श्रद्धालुओं के आने जाने का सिलसिला गुरुवार से ही शुरू हो गया था जो की लगातार जारी था।
जिला प्रशासन ने इस बार श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रबंध कर रखे थे जिसकी सारी जिम्मेवारी तहसीलदार सदर वीना ठाकुर के कंधे पर थी। उन्होंने इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया जिसकी वजह से मेले में श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई समस्या नही आई। सभी श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग और अन्य सुविधाए उपलब्ध करवाई गई थी और स्वयं सहायता समूह को दो दुकाने निशुल्क उपलब्ध करवाई गई थी जहां पर वह अपने उत्पाद बेचते नजर आए।
प्रशासन की तरफ से मेले के आयोजन को लेकर सभी प्रकार के प्रबंध पहले ही कर लिए गये थे परन्तु गसौड चौक पर इस बार ट्रैफिक व्यवस्था के लिए कोई भी पुलिस जवान नजर नही आए जिसकी वजह से इस चौक पर दिन भर जाम की स्थिति बनी रही। गौरतलब है कि बस में आने जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए गसौड चौक से मंदिर तक पैदल जाना पड़ता है और वापसी को भी उन्हें गसौड चौक से ही बस मिलती है। मेले के लिए सवारियों को लाने ले जाने के लिए एचआरटीसी के साथ साथ कुछ निजी बसे भी लगी थी जो गसौड चौक से घागस तथा ब्रह्म्पुखर के लिए लगी थी। एक्स्ट्रा बसे होने तथा लोगो द्वारा हर कहीं वाहन पार्क करने की वजह से गसौड चौक पर दिन भर जाम की स्थिति बनी रही ! इसके अलावा इस मेले में किसी प्रकार की अभी तक कोई समस्या सामने नजर नही आई। इस तीन दिवसीय मेले का गुरूवार को सदर एसडीएम अभिषेक कुमार गर्ग ने झंडा रसम के साथ शुभारम्भ किया था और शनिवार को इस मेले का कुश्ती के साथ समापन हो जायेगा।
गौरतलब है कि बैशाखी मेले में मार्कंडेय स्नान का विशेष महत्व है कहा जाता है जो कोई व्यक्ति बैशाखी वाले दिन मार्कंडेय जी का पवित्र स्नान करके महाऋषि मार्कंडेय मंदिर में पूजा अर्चना करता है उसे बहुत बड़े पुन्य की प्राप्ति होती है और पिछले जन्मो के पापो से भी मुक्ति मिलती है। महाऋषि मार्कंडेय को बाल देवता के रूप में पूजा जाता है यदि किसी के संतान न हो तो मार्कंडेय मंदिर में आकर संतान प्राप्ति की दुआ मांगे तो उसे संतान प्राप्त हो जाती है इसके साथ ही यदि किसी का बच्चा बीमार रहता हो ऐसे में मार्कंडेय मंदिर में आकर उसके स्वस्थ होने की कामना करे तो वह बच्चा उसे बीमारी से निजात पाकर पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है।
मार्कंडेय को जेष्ठ तीर्थ के रूप में जाना जाता है कहा जाता है कि यदि कोई भी यात्रा करने के बाद यदि अंत में मार्कंडेय स्नान नही किया जाए तो वह यात्रा सफल नही होती बल्कि अधूरी रह जाती है। इसी मान्यता के चलते इस तीर्थ पर तीन धाम यात्रा चार धाम यात्रा करने के बाद श्रधालुओ अंत में यहाँ पर पवित्र स्नान करके ही अपने घर को जाते है।