आवाज ए हिमाचल
धर्मशाला। कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए अब ड्रोन सर्वे किया जाएगा। यह सर्वे सबसे महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है। इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुमति मांगी गई है। ड्रोन सर्वे के आधार पर ही आगे का प्लान तैयार किया जाएगा। रनवे से लेकर एयरपोर्ट की स्ट्रिप तक सभी पहलुओं का मॉडल इस सर्वे के आधार पर ही होना है। ऐसे में इस महत्त्वपूर्ण सर्वे के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुमति मिल जाए, तो काम आगे बढ़ पाएगा। हालांकि अभी एयरपोर्ट और आसपास के क्षेत्र में बिना अनुमति ड्रोन नहीं उड़ाए जा सकते हैं।
कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का काम अब और आगे बढ़ते हुए ड्रोन सर्वे तक पहुंच गया है। मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद करीब एक माह के भीतर यह सर्वे भी पूरा हो जाएगा। इसमें प्वाइंट फाइव तक सर्वे किया जाना है। इसके आधार पर पूरे हवाई अड्डे का कम्प्यूटराइज्ड मॉडल तैयार किया जाएगा। स्ट्रिप के लिए तैयार होने वाले ग्राउंड की लेवलिंग व मांझी खड्ड पर बनने वाले पुल सहित आसपास के क्षेत्रों से आने वाले पानी की चैनेलाइजेशन का कार्य इसी सर्वे के आधार पर किया जाएगा। ऐसे में प्रारंभिक औपचारिकताएं पूरी होने के बाद ड्रोन सर्वे कर हवाई पट्टी का मॉडल तैयार कर लिया जाएगा। इसके साथ ही भूमि अधिग्रहण सहित तमाम सारी औपचारिताएं भी पूरी कर ली जाएंगी।
उधर, पर्यटन विभाग के उपनिदेशक विनय धीमान का कहना है कि ड्रोन सर्वे के लिए गृह मंत्रालय से अनुमति मांगी गई है। अनुमति मिलने के बाद इस दिशा में कार्य शुरू हो जाएगा। परमिशन मिलने के बाद करीब एक माह में यह कार्य भी पूरा कर लिया जाएगा। यह सर्वे सबसे महत्त्वपूर्ण सर्वे है और इससे ही इस परियोजना का मॉडल तैयार
हो पाएगा।