आवाज ए हिमाचल
शिमला। साइबर ठग क्रिप्टो करंसी के बहाने लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। साइबर ठग लोगों को ठगने के लिए आए दिन नए-नए तरीके अपना रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में बिटकॉइन, ईथर और डॉगकोइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में भारी वृद्धि देखी गई है। यह युवा निवेशकों के लिए एक विकल्प बन गया है, लेकिन साइबर अपराधियों द्वारा फिरौती, मनी लांड्रिंग, जबरन वसूली और अन्य अवैध उद्देश्यों के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।
क्रिप्टो करंसी को लेकर साइबर सैल शिमला ने अलर्ट जारी किया है। बताया जा रहा है कि उच्च स्तरीय तकनीकी जांच के बावजूद, अपराध के अंतिम स्रोत का पता नहीं लगा सके। इतने सालों बाद भी पुलिस अधिकारी संघर्ष कर रहे हैं। दुनिया भर में और भारत में क्रिप्टो-संबंधित अपराधों की सुनामी देख रहे हैं। क्रिप्टो न केवल परिष्कृत अपराधियों का एक पसंदीदा है, बल्कि स्थानीय साइबर अपराधियों ने भी पुलिस के जाल से दूर रहने के लिए इस डिजिटल संपत्ति पर स्विच किया है। एएसपी साइबर सैल शिमला भूपेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि शातिर एक बार जब वे अपने फोन पर ऐप डाउनलोड कर लेते हैं, तो वे सभी डिजिटल संपत्तियां चुरा लेते हैं।
रैंसमवेयर हमलों में बिटकॉइन भुगतान का पसंदीदा तरीका है। ये हमले पूरे काम में सबसे बड़ा उपद्रव बन गए हैं और अब अंतरराष्ट्रीय हैकर्स ने इसके साथ कई भारतीय फर्मों को निशाना बनाया है। सेक्सटॉर्शनिस्ट जो पहले अपने लक्ष्य के अश्लील वीडियो रिकार्ड करके पैसे वसूलते थे, अब क्रिप्टोकरेंसी की मांग कर रहे हैं। यह उम्मीद की जाती है कि अन्य स्थानीय अपराध इस प्रवृत्ति का पालन करेंगे।
एएसपी भूपेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि स्कैमर्स फिशिंग वॉलेट/वेबसाइट बना रहे हैं। दिखने वाले कोन वॉलेट/ वेबसाइट उन व्यापारियों को बेवकूफ बनाने के लिए बनाए हैं, जो अपनी निजी चाबियां दर्ज करते हैं। एक बार जब हैकर निजी कुंजी तक पहुंच जाता है, तो वे खाते खाली कर देते हैं।