आवाज़ इ हिमाचल
वाशिंगटन। अमरीका में एक और भारतवंशी का डंका बज रहा है। उसका नाम अमित क्षत्रिय है। भारतीय मूल के अमरीकी सॉफ्टवेयर और रोबोटिक इंजीनियर अमित क्षत्रिय को नासा के नए ‘चांद से मंगल’ कार्यक्रम का पहला अध्यक्ष नामित किया गया है। यह कार्यक्रम अमरीका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा की चंद्रमा पर दीर्घकालिक उपस्थिति की तैयारियों को सुनिश्चित करेगा, ताकि मानव को अंतरिक्ष विज्ञान की नई उपलब्धि के तहत लाल ग्रह (मंगल) तक भेजा जा सके। बता दें कि नासा ने नया ऑफिस मून टू मार्स प्रोग्राम ऑफिस बनाया है। जानकारी के अनुसार यह ऑफिस चंद्रमा और मंगल ग्रह पर होने वाली इनसानी गतिविधियों की प्लानिंग, डिजाइनिंग और उन्हें पूरा करने के मिशन तैयार करेगा। इस अमरीकी स्पेस एजेंसी ने इसका प्रमुख एक भारतवंशी अमित क्षत्रिय को बनाया है। एजेंसी ने घोषणा की कि क्षत्रिय नासा की ओर से गठित कार्यालय के पहले प्रमुख के तौर पर तत्काल प्रभाव से अपना काम शुरू करेंगे। नासा की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि नए कार्यालय का उद्देश्य एजेंसी की चंद्रमा और मंगल पर मानव अन्वेषण गतिविधियों को अंजाम देना है, ताकि पूरी मानवता को उसका लाभ मिल सके।
नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने कहा कि अन्वेषण का स्वर्ण काल अब हो रहा है और नया कार्यालय यह सुनिश्चित करने में नासा की मदद करेगा कि वह चंद्रमा पर सफलतापूर्वक दीर्घकालिक उपस्थिति दर्ज करे और मानवता को मंगल ग्रह की ओर छलांग लगाने हेतु तैयारियों को पूरा किया जा सके। चंद्रमा से मंगल कार्यक्रम कार्यालय नासा को चंद्रमा तक मिशन को पूरा करने और मंगल ग्रह पर पहली बार मानव को भेजने की तैयारियों में मदद करेगा।
2003 में शुरू किया था करियर
पूर्व में क्षत्रिय ने सामान्य अन्वेषण प्रणाली विकास संभाग के कार्यवाहक एसोसिएट निदेशक पद पर कार्य किया है। क्षत्रिय ने 2003 में अंतरिक्ष कार्यक्रम में अपने करियर की शुरुआत की थी। 2014 से 2017 तक वह अंतरिक्ष केंद्र उड़ान निदेशक के पद पर रहे। क्षत्रिय भारत से अमरीका आए पहली पीढ़ी के प्रवासी की संतान हैं। उन्होंने कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से गणित विज्ञान में स्नातक किया है और टेक्सास विश्वविद्यालय से गणित में एमए की उपाधि हासिल की है ।