ब्राहल नदी में फेंका जा रहा फोरलेन का मलबा, पेयजल स्रोत दबे

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आवाज़ ए हिमाचल 

ज्वाली। उपमंडल ज्वाली  के अधीन पठानकोट-मंडी फोरलेन निर्माण कार्य में लगी कंपनी द्वारा खुदाई का मलबा खड्डों में फेंकने से नदियों व खड्डों के लिए खतरा बन गया है तथा इस मलबे के नीचे कई प्राकृतिक जल स्रोत दब गए हैं व वन संपदा मिट्टी के नीचे दबने से नष्ट हुई है। त्रिलोकपुर और सिहुनी क्षेत्र में फोरलेन निर्माण के दौरान खोदे गए मलबे को ब्राहल नदी में फेंका जा रहा है, जिससे ब्राहल नदी के अस्तित्व पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। पठानकोट-मंडी राजमार्ग परियोजना को संभालने वाली कंपनी के पास कोई अधिकृत डंपिंग साइट नहीं है, इसलिए यह खुदाई की गई सामग्री को त्रिलोकपुर और सिहुणी क्षेत्रों की खड्डों में बहा रही है, जिससे नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देशों का उल्लंघन किया जा रहा है।

इस मलबे के कारण त्रिलोकपुर पंचायत में कुछ ग्रामीण रास्ते,पुराने प्राकृतिक जल स्रोत और एक पाइप जलापूर्ति लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है। 32 मील निवासी अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि हमारे घरों के साथ-साथ मलबे को फेंका गया है, जिससे बरसात में अगर मलबा खिसका तो हमारे मकानों का नामोनिशान मिट कर रह जाएगा। पंचायत त्रिलोकपुर के प्रधान दुर्गा दास ने प्रशासन से आग्रह किया है कि डंपिंग के लिए जगह का निरीक्षण कर वेस्ट मैटीरियल को वहां पर फेंका जाए और पहाड़ों की कटाई से जो रास्ते बंद हो गए हैं, उन रास्तों को बहाल किया जाए।

मैटीरियल डंपिंग को दी वन परिक्षेत्र में जगह

डीएफओ कुलदीप जंवाल ने कहा कि विभाग को शिकायत मिलने के बाद निर्माण कंपनी को छोटे पौधों के नुकसान हेतु जुर्माने की वसूली के लिए एक डैमेज की रिपोर्ट भेजी गई है। मैटीरियल की डंपिंग के लिए वन परिक्षेत्र में जगह दी गई है।

रास्तो, बावडिय़ों-वाटर पंप हाउस की मांगी सुरक्षा

ग्राम पंचायत ने एनएचएआई के परियोजना निदेशक और एसडीएम जवाली को एक प्रस्ताव सौंपा है, जिसमें गांव के रास्तों, बावडिय़ों और वाटर पंप हाउस की सुरक्षा की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि अगर कोई कार्रवाई न हुई तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा।

एसडीएम बोले पेयजल स्रोतों को बहाल करने के दिए निर्देश

एसडीएम जवाली महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि उन्होंने एनएचएआई के एक प्रतिनिधि के साथ घटनास्थल का मुआयना किया है। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त ग्रामीण रास्तों और पेयजल स्रोतों को बहाल करने के निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि मैं खुद त्रिलोकपुर और सियूणी क्षेत्रों में स्थानीय ब्राहल नदी का निरीक्षण करने के लिए जा रहा हूं और खुदाई की गई सामग्री की डंपिंग को रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

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