डीनोटिफाई स्कूलों के खाली भवन पंचायतों के हवाले
आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। प्रदेश में डीनोटिफाई किए 300 से अधिक स्कूलों में स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) के तहत कार्यरत शिक्षकों की नौकरी नहीं जाएगी। शिक्षा विभाग ने सभी जिला उपनिदेशकों को निर्देश दिया है कि एसएमसी शिक्षकों को साथ लगते स्कूलों में समायोजित किया जाए। पत्र में साफ किया है कि शून्य प्रवेश व कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को डीनोटिफाई कर दिया है। इन स्कूलों में एसएमसी शिक्षक कई वर्षों से पढ़ा रहे थे। इनकी नौकरी पर संकट न आए, इसलिए सरकार के निर्देश के बाद विभाग ने निर्णय लिया है कि इनको साथ लगते स्कूल या उसी ब्लाक और जिले के स्कूल में जरूरत के हिसाब से समायोजित कर दिया जाएगा।
इसमें शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के नियमों और एसएमसी के लिए बनाए नियमों का पूरी तरह से ध्यान रखना होगा। प्रदेश के स्कूलों में एसएमसी शिक्षक लंबे समय से तैनात हैं। नियमों के तहत इनका तबादला दूसरे स्कूल में नहीं किया जा सकता है, इसलिए स्कूल डीनोटिफाई होने के बाद इनकी नौकरी पर संकट के बादल मंडराने लगे थे, इसलिए प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी उपनिदेशकों को यह निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
प्रदेश सरकार ने पहले शून्य प्रवेश वाले 57 माध्यमिक व 228 प्राथमिक स्कूलों को डीनोटिफाई किया था। इसके दो दिन बाद 10 छात्र संख्या वाले 17 प्राइमरी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया था। इन स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को साथ लगते स्कूलों में समायोजित किया गया है। खाली भवनों को पंचायतों को दिया जाएगा। सरकार कह चुकी है कि कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को चलाने की जगह साथ लगते स्कूलों को बेहतर बनाना प्राथमिकता है। नए नियम के तहत प्राथमिक स्कूल में 10, माध्यमिक में 15, उच्च में 20 और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में 25 विद्यार्थी होने चाहिए।