आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमकेयर योजना में ब्रेक और सत्ता परिवर्तन के बाद बंद किए गए संस्थानों पर विपक्ष ने बुधवार को सत्तापक्ष पर खूब हमला बोला। इस दौरान स्वास्थ्य पर प्रस्तुत बजट कटौती प्रस्ताव में विपक्ष के विधायकों ने एकजुटता से हिमकेयर योजना को लागू में धनराशि जारी न करने का मामला उठाया। इसके साथ ही सदस्यों ने प्रदेश के 278 निजी अस्पतालों को हिमकेयर योजना के माध्यम से हुए उपचार का बजट जारी न करने की भी बात कही। बजट जारी न होने की वजह से सरकार के पैनल में शामिल सभी अस्पताल उपचार नहीं कर रहे हैं। इन अस्पतालों में गरीब मरीजों को मुफ्त में इलाज मिल रहा था, लेकिन अब हालात ऐसे नहीं हैं। नेरचौक मेडिकल कॉलेज में कैंसर रोगियों का उपचार न होने की बात भी विपक्ष के विधायकों ने कही। इसके अलावा सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्र में चल रही समस्याओं का जिक्र किया और संस्थानों के डिनोटिफाई होने से प्रभावित हो रहे ग्रामीण इलाकों का आंकड़ा भी सामने रखा।
हिमकेयर और सहारा योजना पर ब्रेक
विधायक राकेश जम्वाल पूर्व सरकार के समय हिमकेयर योजना लाई गई। योजना को तीन वर्ष किया गया, लेकिन चार महीने से लोगों का उपचार नहीं हो रहा है। योजना को ठंडे बस्ते में डालने का प्रयास हो रहा है। सहारा योजना में तीन हजार की राशि दी जाती थी।लेकिन कोई प्रावधान नहीं किया गया है। बजट न होने की वजह से इन दोनों योजनाओं का लाभ आम लोगों को नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के समय हिमाचल में एम्स की स्थापना हुई है। कैंपस में ही डाक्टरों के सरकारी आवास बनाए जाएं।