आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल प्रदेश में ड्रग माफिया पर अंकुश लगाने के लिए अब विशेष टास्क फोर्स का गठन करते हुए लगाम कसी जाएगी, वहीं उनकी संपत्ति को भी जब्त किया जाएगा। इसके लिए प्रिवैंशन ऑफ इलिसिट ट्रैफिक इन नारकोटिक ड्रग्ज एंड साइकोट्रोपिक सबस्टांसिज एक्ट के तहत एक सलाहकार बोर्ड भी गठित होगा। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने प्रदेश में नशे की समस्या से निपटने के लिए पुलिस, गृह और विधि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों के तस्करों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के लिए कानून में आवश्यक संशोधन कर दोषियों की संपत्ति जब्त करने का प्रावधान किया जाएगा।
बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, मुख्यमंत्री से ओएसडी गोपाल शर्मा, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, विधि सचिव शरद कुमार लगवाल और पुलिस विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
सलाहकार बोर्ड का किया जाएगा गठन
सीएम ने कहा कि युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने के दृष्टिगत नशे की आपूर्ति शृंखला को तोड़ने और माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए विशेष कार्य बल (स्पैशल टास्क फोर्स) का भी गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नशे की बुराई पर रोक तथा नशीले पदार्थों के कारोबार पर निगरानी के लिए प्रिवैंशन ऑफ इलिसिट ट्रैफिक इन नारकोटिक्स ड्रग्ज एंड साइकोट्रोपिक सबस्टान्सिज एक्ट के अंतर्गत एक सलाहकार बोर्ड का गठन किया जाएगा।
मुख्यधारा में जोड़ने के लिए स्थापित होगा आधुनिक नशामुक्ति व पुनर्वास केंद्र
सीएम ने कहा कि नशे के आदी लोगों की मदद करने और उन्हें समाज की मुख्यधारा में वापस लाने के लिए राज्य में एक आधुनिक नशामुक्ति केंद्र और पुनर्वास केंद्र स्थापित किया जाएगा। इन केंद्रों के माध्यम से उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह केंद्र कुशल सहायक कर्मचारियों के साथ आधुनिक सुविधाओं से युक्त होंगे। उन्होंने कहा कि नशे की बुराई समाज के समक्ष एक बड़ी चुनौती है और दोषियों को शीघ्र पकड़ कर उनके विरुद्ध कानून के तहत त्वरित आधार पर मामला दर्ज करना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने तथा खुफिया सूचनाओं को सांझा करने के लिए केंद्र सरकार के सहयोग से एक प्रभावी तंत्र विकसित करने के प्रयास किए जाएंगे और केंद्रीय कानून में आवश्यक संशोधन का भी आग्रह किया जाएगा।