आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल सरकार के पावर प्रोजेक्टों पर वाटर सेस लगाने के फैसले पर पंजाब और हरियाणा ने विरोध जताया है। इस पर गुरुवार को मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि न पंजाब और न ही हरियाणा के पानी पर वाटर सेस लगा रहा है। यह हिमाचल का पानी है और हम उसी पर ही सेस लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कानून के आधार पर ही फैसला लिया गया है। हिमाचल में हाइड्रो प्रोजेक्ट हैं, उन पर वाटर सेस लगाया गया है, तो इसके पंजाब और हरियाणा सरकार को चिंता करने की जरूरत नहीं है। सीएम ने कहा कि हमारे जो प्रोजेक्ट हैं, उन पर वाटर सेस लगा है। उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में भी वाटर सेस लगा है।
मैं पड़ोसी राज्यों के दोनों मुख्यमंत्री से बात करूंगा। इसमें किसी भी प्रकार की संधि का उल्लंघन नहीं किया गया है। बीबीएमबी में हिस्सेदारी पर सीएम ने कहा कि बीबीएमबी से बात चल रही है। हमारी मांग है कि हमें भी पार्टनरशिप राज्य बनाया जाए, क्योंकि सारा बहता पानी हमारा है। आने वाले समय में इसका समाधान ढूंढ लिया जाएगा। उधर, 300 यूनिट बिजली फ्री करने पर सीएम सुक्खू ने कहा कि गारंटियां चार-पांच साल में पूरी होती हैं। हर साल के बजट में गारंटियों को पूरा करना होता है, तो सरकार दस गारंटियों को चार साल में पूरा करेगी।