आवाज ए हिमाचल
30 दिसम्बर। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने एचपीटीडीसी की इकाइयों को घाटे से उबारने के लिए प्रतिस्पर्धा की भावना से काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अफसरों को प्रदेश में निगम की इकाइयों को लाभप्रद और व्यवहार्य बनाने के लिए अधिक सक्रिय और व्यवसायिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मंगलवार को हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के निदेशक मंडल की 155वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस अवसर पर सीएम ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने प्रदेश के पर्यटन उद्योग को बुरी तरह से प्रभावित किया है। निगम पहली अपै्रल से 30 नवंबर तक 18.42 करोड़ रुपए का ही राजस्व अर्जित कर पाया है।
पिछले वर्ष इस अवधि के दौरान 63.24 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति हुई। निगम ने महामारी के दौरान क्वारंटीन सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश सरकार को अपनी संपत्तियां उपलब्ध करवाकर 70 लाख रुपए की धनराशि अर्जित की। उन्होंने कहा कि निगम को अपने कार्य में कुशलता लाने के लिए परिभाषित मापदंडों और केंद्रित लक्ष्य निर्धारित करने चाहिएं। बुकिंग और ऑक्यूपेंसी के लिए लक्ष्य निर्धारित किए जाने चाहिएं और प्रतिस्पर्धा की भावना से कार्य करने को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए, जिसके लिए इन कार्यों को प्रोत्साहनों के साथ जोड़ा जा सकता है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि अटल टनल रोहतांग के खुलने से कुल्लू और लाहुल-स्पीति जिलों में पर्यटकों की आवाजाही में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है। इसलिए पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। जिला लाहुल-स्पीति में सिसू से केलांग के बीच पर्यटकों को ठहरने और खाने-पीने की सुविधाएं प्रदान करने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को सरकार की होम-स्टे योजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए, जिससे आर्थिकी सुदृढ़ होगी, पर्यटकों को जनजातीय क्षेत्रों की समृद्ध और अनूठी संस्कृति व जीवनशैली की झलक देखने को मिलेगी। निगम को जिस्पा और सिसू में पर्यटकों को ठहरने की सुविधा प्रदान करने के लिए टेंट और प्री-फैब्रीकेटिड ढांचे की सुविधाएं उपलब्ध करवाने की संभावनाएं तलाशी जानी चाहिएं। पर्यटकों की सुविधा के लिए केलांग में निगम के चंद्रभागा होटल का जीर्णोंद्धार और विस्तार किया जाएगा। उन्होंने पर्यटकों को सड़क के किनारे सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए।