आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। एचआरटीसी में व्यवस्था परिवर्तन नहीं हुआ है। एचआरटीसी के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अभी तक फरवरी महीने की पेंशन नहीं मिली है। पेंशन न मिलने के कारण सेवानिवृत्त कर्मचारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पेंशन के अलावा अन्य वित्तीय लाभों से भी एचआरटीसी के पेंशनर्ज अभी तक वंचित है। पेंशनरों ने चेताया है कि वह विधानसभा के बजट सत्र के बाद अपने हक के लिए रणनीति तैयार करेंगे। हिमाचल परिवहन सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच के प्रदेशाध्यक्ष बलराम पुरी का कहना है कि परिवहन निगम से सेवानिवृत्त हुए लगभग 7500 कर्मचारी अपने मौलिक अधिकारियों के लिए तरस रहे हैं। इन कर्मचारियों ने अपने जीवन के 30 से 35 साल जनता की एचआरटीसी व जनता की सेवा के लिए लगाए हैं।
वरिष्ठ नागरिकों की श्रेणी में आने वाले और जीवन के अंतिम पड़ाव में पहुंच चुके यह पेंशनर्ज वित्तीय लाभों एवं पेंशन के लिए तरस रहे हैं। बलराम पुरी का कहना है कि एचआरटीसी के पेंशनर्स संगठन सीएम व डिप्टी सीएम से मुलाकात के दौरान अपनी व्यथा बता चुके हैं। छह फरवरी को मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें भी एचआरटीसी पेंशनर्स की ओर से मांग पत्र सौंपा गया था। इसके अलावा 25 फरवरी को निगम प्रबंधन को भी मांग पत्र सौंपा गया था। सेवानिवृत कर्मचारी कल्याण मंच के प्रदेशाध्यक्ष बलराम पुरी का कहना है कि हिमाचल में सरकार को बने अभी चंद महीनों का समय ही हुआ हैं, व्यवस्था परिवर्तन में सरकार को समय लगेगा, लेकिन समय पर पेंशन देना तो सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।
ये मांगें भी की जाएं पूरी
– निगम के पेंशनधारकों को छठे वेतनमान के एरियर का भुगतान एकमुश्त किया जाए।
– पहली जनवरी, 2016 के बाद सेवानिवृत्त कर्मचारियों को संशोधित पेंशन दी जाए।
– संशोधित पेंशन राशि का शीघ्र एक मुश्त भुगतान किया जाए।
– पेंशन का स्थायी प्रावधान किया जाए।
– पेंशनधारकों को छठे वेतनमान के एरियर का एकमुश्त भुगतान।
– कहा, 7500 रिटायर्ड कर्मियों के हक में जल्द लिया जाए फैसला
अन्य वित्तीय लाभों की भी करे अदायगी।