NGT ने सीवरेज व सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर हिमाचल को लगाई फटकार; आदेश- 50 करोड़ खर्च करें, भेजें प्रोगेस रिपोर्ट

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आवाज़ ए हिमाचल 

शिमला। हिमाचल प्रदेश में सीवरेज और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की खराब व्यवस्था पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सख्ती दिखाई है। ट्रिब्यूनल ने राज्य सरकार को इन दोनों के सही मैनेजमेंट के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान करने को कहा है। हाल ही में NGT में इन दोनों व्यवस्थाओं को लेकर सुनवाई की गई। NGT ने इसके ऑर्डर जारी कर दिए हैं और इसमें राज्य सरकार को 50 करोड़ खर्च करने को कहा गया है। NGT ने राज्य सरकार से हिमाचल में सॉलिड, लीगेसी वेस्ट और सीवरेज ट्रीटमेंट की प्रोग्रेस रिपोर्ट सौंपने को कहा था। सरकार ने यह रिपोर्ट NGT को सौंपी, जिसमें इन तीनों में कॉफी गैप पाया गया है।

हिमाचल में हर दिन 13 टन वेस्ट नहीं हो रहा ट्रीट

NGT को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल के 54 शहरी निकायों में हर दिन 365 टन कचरा पैदा हो रहा है। इसमें से 352 टन कचरे को ट्रीट किया जा रहा है। 13 टन कचरा अभी भी हर दिन खुले में ठिकाने लगाया जा रहा है। इससे पर्यावरण नदी नालों को भारी नुकसान पहुंच रहा है। इसमें 201 टन गीले कचरे में से 8 टन को प्रोसेस नहीं किया जा रहा। 146 टन में से 5 टन सूखा कचरा खुले में फेंका जा रहा है। लीगेसी वेस्ट को लेकर तो इससे भी बुरा हाल है। हिमाचल में 16 शहरों में इस समय 2,63,641 टन लीगेसी वेस्ट है। अभी तक 83 लाख 311 हजार 28 टन लीगेसी वेस्ट को ठिकाने लगाया जा चुका है।

32.15 MLD सीवरेज खुले में बह रहा

हिमाचल के 32 शहरों में अभी भी सीवरेज ट्रीटमेंट की उचित व्यवस्था नहीं है। इन शहरों में 32.15 MLD सीवरेज का गंदा पानी या तो नदी नालों में ठिकाने लगाया जा रहा है या उन्हें खुले में फेंका जा रहा है। NGT ने इस पर गंभीरता जताते हुए सरकार को 50 करोड़ के बजट का प्रावधान करते हुए इन दोनों समस्याओं का निपटारा करने को कहा है। हिमाचल में STP की व्यवस्था को देखा जाए तो यहां पर हर दिन 163.5 MLD सीवरेज जनरेट हो रहा है। इसके लिए हिमाचल में 65 STP (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट ) व्यवस्था है। इसमें भी 64% सीवरेज का गंदा पानी ट्रीट हो रहा है।

मुख्य सचिव को हर महीने रिव्यू करने के आदेश

दोनों व्यवस्थाओं में सुधार लाने के लिए NGT ने हिमाचल के मुख्य सचिव को हर महीने रिव्यू करने के आदेश जारी किए हैं। इसमें उन्होंने काम की प्रोग्रेस देखने को कहा है। NGT ने सरकार को 6 महीने के भीतर अपनी प्रोग्रेस रिपोर्ट सौंपने के भी आदेश दिए हैं। NGT ने स्पष्ट किया है कि सरकार 50 करोड़ की अलग से व्यवस्था करके इसे इन्हीं 2 काम पर खर्च करना सुनिश्चित करें।

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