आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। बिजली बिलों में अप्रैल महीने से बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है। बिजली बोर्ड के 90 पैसे प्रति यूनिट दरों को बढ़ाने के प्रस्ताव पर आयोग की मुहर जल्द ही लगने वाली है। इसके साथ ही आयोग अब वाटर सेस लगने के बाद होने वाले बदलावों पर भी नजर बनाए हुए है। वाटर सेस से बिजली की दरों में एक रुपए का न्यूनतम उछाल आने की संभावना है। यदि राज्य सरकार सबसिडी के तौर पर उछाल का खर्च उठाती है, तो उपभोक्ताओं पर भार नहीं पड़ेगा। लेकिन राज्य सरकार सबसिडी पर फैसला नहीं कर पाई तो इसकी भरपाई उपभोक्ताओं को ही करनी होगी और इस स्थिति में बिजली के बिल की दर में जबरदस्त छलांग के साथ 1.90 रुपए की बढ़ोतरी होगी। यह बिजली के बिलों में अब तक हुई बढ़ोतरी में सबसे ज्यादा होगी। हालांकि इस बढ़ोतरी पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार और विद्युत नियामक आयोग के बीच पत्राचार चल रहा है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने जलशक्ति विभाग के माध्यम से वाटर सेस लगाने की तैयारी की है। इस विधेयक को विधानसभा में आवश्यक संशोधन के बाद मंजूरी मिल चुकी है। प्रदेश में 172 बिजली परियोजनाओं पर वाटर सेस लगाया जाएगा और राज्य सरकार ने इन परियोजनाओं से सेस के माध्यम से चार हजार करोड़ रुपए की आय का लक्ष्य तय किया है। सरकार ने प्रति घन मीटर 10 से 50 पैसे वाटर सेस निर्धारित किया है। सेस की इस उगाही के साथ ही अब संकट विद्युत परियोजनाओं से होने वाली बिजली खरीद को लेकर बना हुआ है। विद्युत नियामक आयोग में हुई जनसुनवाई के दौरान बिजली उपभोक्ता टैरिफ न बढ़ाने का आह्वान कर चुके हैं। – एचडीएम
6.95 रुपए होगी प्रति यूनिट बिजली
बिजली बोर्ड का मौजूदा टैरिफ 126 यूनिट से 300 तक 5.05 पैसे प्रति यूनिट है। इसमें से 1.10 रुपए सरकार सबसिडी के तौर पर देती है। यानी उपभोक्ता को 3.95 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से भुगतान करना होता है। अब इनमें 90 पैसे बिजली बोर्ड के सुझाव और एक रुपए वाटर सेस के भी जुड़ जाते हैं तो हिमाचल में बिजली की दर 126 यूनिट के बाद 6.95 रुपए हो जाएगी। अब देखना यह है कि अप्रैल से नए टैरिफ में राज्य सरकार सबसिडी पर क्या फैसला करती है। राज्य सरकार मौजूदा सबसिडी जो 1.10 रुपए है को बढ़ाती है, तो उपभोक्ताओं पर असर कम होगा। व्यवसायिक उपभोक्ताओं को 20 केवीए तक 4.90 रुपए और 100 केवी तक 5.05 रुपए टैरिफ तय किया है। इनमें सरकार 0.20 पैसे सबसिडी दे रही है।