आवाज ए हिमाचल
शिमला।करीब पांच साल के लंबे अंतराल के बाद शराब ठेकों की नीलामी करने का फैसला सुपरहिट हो गया है। शनिवार को पिछले तीन दिन से जारी शराब ठेकों की नीलामी पूरी हो गई। इसमें राज्य सरकार को 1815 करोड़ का राजस्व मिला है। पिछले साल रिन्यू किए गए शराब ठेकों से 1296 करोड़ रुपए आए थे। इस तरह से शराब ठेकों की नीलामी करने के राज्य सरकार के फैसले के कारण बोली में ही सरकार को 40 फीसदी जदा पैसा मिला है। राज्य में नीलामी की यह प्रक्रिया कुल 112 यूनिट के लिए की गई, जिसके तहत प्रदेश भर के 2042 शराब ठेके आते हैं।
नीलामी के दौरान यदि आंकड़ों की बात करें तो शिमला जिला से सबसे ज्यादा राजस्व में बढ़ोतरी हुई है। यहां 45 फीसदी ज्यादा बोली लगी। जबकि नीलामी की सबसे ऊंची दर के मामले में किन्नौर जिला ने रिकार्ड बनाया है।
यहां शराब ठेके पिछले साल के मुकाबले 66 फीसदी ज्यादा रेट पर गए। राज्य सरकार ने अगले वित्त वर्ष में शराब ठेकों की नीलामी और नई एक्साइज पॉलिसी के माध्यम से 2351 करोड़ रुपए कमाने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की ओर से शुक्रवार को पेश किए गए बजट में भी यही फिगर बताई गई है। हालांकि जिस तरह से नीलामी में अच्छा रिस्पांस मिला हैए उससे लग रहा है कि इससे ज्यादा राजस्व भी एक्साइज में आ सकता है। नीलामी के बाद शेष राशि लाइसेंस फीस और अन्य मदों से आती है। 31 मार्च को खत्म हो रहे वर्तमान वित्त वर्ष के लिए राज्य सरकार ने एक्साइज से 2100 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा थाए जिसे प्राप्त कर लिया जाएगा। नए वित्त वर्ष में शराब की प्रति बोतल पर कोविड-19 सेस की जगह अब नई सरकार ने मिल्क प्रोडक्शन सेस लगाया है। यह भी प्रति बोतल 10 रुपए है। इससे राज्य सरकार 100 करोड़ अतिरिक्त कमा लेगी।