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शांति गौतम, बीबीएन। श्रीमदभागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ का पांचवां दिन भगवान कृष्ण की बाल लालाओं के नाम रही। आचार्य तरुण आनंद ने भगवान श्री कृष्ण के बाद पूतना, अधासुर, वकासुर, तृणावृत जैसे, अनेको राक्षसों का उद्धार करने के अनेक प्रसंगों का वर्णन किया। भगवान द्वारा गोचारण के प्रसंग में गो माता की महिमा सुनाते हुए गोस्वामी जी ने कहा कि जो हमारे अराध्य भगवान कृष्ण जी की भी अराध्य सर्वदेवमयी गऊ माता ही है। हमे आज के समय में यथा शक्ति गो माता की सेवा मे सहयोग करना चाहिए क्यों कि अगर गो माता सुखी है तो दुखी कोई नहीं रहेगा अगर गो माता दुखी है तो संसार भी सुखी नहीं रह सकता।
इसके बाद आचार्य तरुण आनन्द ने बड़े ही सुंदर ढंग से काली नाग मर्दन , गोपी चीर हरण, माखन चोरी का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि चीर हरण लीला द्वारा भगवान हमारी माया का हरण करते हुए भारत की नदियों को पवित्रा बताते है । माखन चोरी लीला से हमारे हृदय विकारों को चुराते है। इंद्र के घमंड को तोड़ने के लिए कृष्ण ने गोकुल वासियों को गिरिराज गोवर्धन की पूजा के लिए कहा क्योंकि l यहां हमारी गाय माता चरती है और हमें वहाँ से अनेक प्रकार की औषधियां प्राप्त होती है हमारा पर्यावरण शुद्ध होता है। आज की कथा में आयोजक पुनीत कौशल, गुरचरण सिंह चन्नी हरीश शर्मा, दीपक बिष्ट के अलावा रमनदीप कौर, भानु किरण, हेमा शर्मा, जसविंदर कौर, प्यारी, हरजीत कौर, ममता , बलबिंदर, रेनू, सपना बिष्ट, शिवज्योति शर्मा, रीना कुमारी, सुरिंदर कौर, चांदनी शर्मा, रंजना , बन्नी आदि उपस्थित रहे।