यूथ फॉर स्वराज ने बेरोजगार युवाओं के भविष्य को लेकर मुख्यमंत्री सुक्खू को भेजा डिमांड चार्ट

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“बेरोजगार युवाओं के भविष्य को लेकर डिमांड चार्टर” हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र वर्ष 2023-24 के लिए

आवाज़ ए हिमाचल 

दीपक गुप्ता, भटियात/चम्बा। हिमाचल सरकार को पत्र लिखकर बेरोजगारों से किये वायदों को याद दिलाते हुए 2023-24 के बजट में बेरोजगारों की 6 मांगों को लेकर यूथ फॉर स्वराज की तरफ एक डिमांड चार्टर हिमाचल सरकार के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को भेजा गया है।

 बेरोजगार संघ, यूथ फॉर स्वराज के भटियात, चम्बा के नेशनल सह कोऑर्डिनेटर संजीव कुमार ने बताया कि कॉग्रेस पार्टी ने चुनावों के दौरान अपने चुनावी घोषणा पत्र में हिमाचल के बेरोजगार युवाओं को 5 लाख रोजगार देने की गारंटी दी थी जिसमें से पहली कैबिनेट बैठक में प्रदेश के युवाओं को 1 लाख रोजगार देने की गारंटी कॉग्रेस पार्टी ने दी थी। 1 लाख रोजगार की घोषणा को आपकी नेतृत्व वाली सरकार अभी तक पूर्ण नहीं हो पाई है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने हिमाचल प्रदेश चुनावी यात्रा के दौरान आकड़े दिये थे कि हिमाचल प्रदेश के 30 लाख युवाओं में से 15 लाख युवा बेरोजगार हैं और हिमाचल प्रदेश सरकार में ऐसे 63000 सरकारी पद रिक्त पड़े हैं जिन पदों पर पिछले 5 सालों से भर्तियां नहीं हुई। उन्होंने वायदा किया था कि कांग्रेस सरकार आते ही हिमाचल सरकार में सभी रिक्त पदों पर भर्तियां कर के युवाओं को रोजगार देंगें। भ्रष्टाचार और पेपर लीक के आरोप से घिरे हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग को आपकी सरकार ने भंग कर दिया है, जिसके चलते विभिन्न पदों पर चल रही भर्तियां रुक गई हैं। इसका खामियाज़ा हिमाचल के बेरोजगार युवाओं को भुगतना पड़ रहा है। युवाओं ने मांग उठाई है कि इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार 2023-24 के बजट में बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने का रोडमैप विधान सभा पटल पर रखें।

बेरोजगार युवाओं की मुख्य मांगें  

  1. हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग द्वारा निकाली गई पिछली सभी भर्तियों को जल्द से जल्द पारदर्शीता के साथ भरा जाए। साथ ही जिन भर्तियों में भ्रष्टाचार हुआ है उन भर्तियों की परिक्षा जल्द से जल्द की जाएं।
  2. जिन परीक्षाओं को रद्द किया गया है उनमें बैठे सभी परीक्षार्थियों को बिना किसी फीस के एनरोलमेंट नम्बर आनी वाली परिक्षाओं के लिए जारी किए जाएं।
  3.  पिछले कुछ वर्षों से JBT, TGT, PGT और C&V की भर्तियां नहीं होने से सरकारी विद्यालयों में 12000 शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। खाली पड़े सभी पदों पर रेगुलर भर्ती Elementary Education रोस्टर का अनुसरण करते हुए की जाए जिसमें 37.5 शिक्षकों की भर्ती बेंच वाइज और 37.5 शिक्षकों की भर्ती आयोग द्वारा की जाएं।
  4.  हिमाचल प्रदेश में बहुत से कर्मचारी आउटसोर्स पर कार्यरत है, जिसमें से कुछ आउटसोर्स कर्मचारियों को कम्पनियों ने निकलना शुरू कर दिया है आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए आपकी सरकार अगले एक वर्ष तक क्या रणनीति अपनाएगी और कितना पैसा आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए खर्च करेगी इस सब का लेखा-जोखा विधान सभा पटल पर रखा जाए ? असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों के हितों की रक्षा हेतु “श्रम कानूनों को सख्ती से लागू किया जाए” निजी क्षेत्र में अक्सर काम करने वाले वर्करों के शोषण की खबरें आती रहती है। अधिकांश कम्पनियों वर्करों से 12-12 घंटे काम लिया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश सरकार में 63000 सरकारी रिक्त पदों पर नियुक्ति देने तथा 1 लाख रोजगार पहली कैबिनेट में देने की गारंटी का एक रोजगार कलेंडर विधान सभा पटल पर रखा जाए और 1 लाख रोजगार के लिए बजट का प्रावधान वर्ष 2023-24 के बजट में किया जाए।
  5.  कॉग्रेस पार्टी ने युवाओं से हर विधानसभा में 10 करोड़ यानी पूरे प्रदेश में 680 करोड़ स्टार्ट-अप फंड वादा बेरोजगार युवाओं के साथ किया था हिमाचल सरकार इस गारंटी की पूरी रूपरेखा और बजट प्रावधान कर के विधान सभा पटल पर रखे। हिमाचल सरकार वर्ष 2923-24 बजट सत्र में कितना पैसा स्टार्ट अप के लिए खर्च करेगी।
  6.  सरकारी भर्तियों में चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त नकल विरोधी कानून लाया जाएं ताकि भ्रष्टाचारियों और नकल माफ़िया पर जल्द कार्रवाई अम्ल में लाई जा सके।

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